Advertisement

देश में पहली बार मुस्लिम महिला ने पढ़ाई जुमे की नमाज

केरल के मलप्पुरम में 26 जनवरी को जुमे की दिन 34 वर्षीय जमीता नाम की महिला ने नमाज पढ़ाई है. खासबात ये थी कि उनके पीछे नमाज पढ़ने वाले महिला नहीं बल्कि पुरुष थे. करीब 80 लोगों ने महिला इमाम के पीछे नमाज पढ़ी है.

जुमे की नमाज पढ़ाती मुस्लिम महिला जमीता जुमे की नमाज पढ़ाती मुस्लिम महिला जमीता
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 11:02 AM IST

देश के इतिहास में पहली बार हुआ है कि एक मुस्लिम महिला ने जुमे की नमाज के दौरान इमाम की भूमिका अदा की है. केरल के मलप्पुरम में 26 जनवरी को जुमे की दिन 34 वर्षीय जमीता नाम की महिला ने नमाज पढ़ाई है. खास बात ये थी कि उनके पीछे नमाज पढ़ने वाले महिला ही नहीं बल्कि पुरुष भी थे. करीब 80 लोगों ने महिला इमाम के पीछे नमाज पढ़ी है. ये अपने आप में ऐतिहासिक कदम था.

Advertisement

जमीता कुरान सुन्नत सोसायटी की महासचिव हैं. मुस्लिम बहुल मल्लपुरम में 'कुरान सुन्नत सोसायटी' के मुख्य दफ्तर में जुमे की नमाज पढ़ी गई तो उसका नेतृत्व महिला इमाम जमीता ने किया. बता दें कि आमतौर पर जुमे की पढ़ी जाने वाली नमाज का नेतृत्व पुरुष इमाम ही करते रहे हैं, लेकिन पहली बार है कि किसी मुस्लिम महिला ने इमामत की है.  

इमामत करने वाली जमीता ने कहा कि पवित्र कुरान महिला-पुरुष में भेदभाव नहीं करता है और न ही इस्लाम महिलाओं को इमाम बनने से रोकता है.

बता दे कि इससे पहले यूपी के लखनऊ में मुस्लिम महिला ने काजी की भूमिका में आकर निकाह पढ़ाया था. इसके बाद पिछले साल राजस्थान को दो महिला काजी की भूमिका अदा की थी.

40 साल की दो महिलाएं जहां आरा और अफरोज बेगम ने दो साल की दीनी तालीम हासिल ने काजियत' का सर्टिफिकेट हासिल कर लिया किया. अब उन दोनों के नाम के पहले काजी और बाद में बेगम कहकर पुकारा जाएगा. दोनों ने दारूल उलूम-ए-निस्वान से यह तालीम हासिल किया है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement