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उपसभापति की रेस में नहीं, सहमति से हो फैसला: नरेश गुजराल

संसद के उच्च सदन से पिछले महीने पी जे कुरियन के रिटायर हो जाने के बाद यह पद खाली हुआ था. विपक्षी दल भी इस पद के लिये एक गैर कांग्रेसी उम्मीदवार को खड़ा करने पर विचार कर रहे हैं.

संसद परिसर में अकाली सांसद नरेश गुजराल (फोटो- Getty Images) संसद परिसर में अकाली सांसद नरेश गुजराल (फोटो- Getty Images)
अनुग्रह मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 17 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 7:24 PM IST

मॉनसून सत्र में राज्यसभा के उपसभापति पद का चुनाव होना है और इसके लिए सत्ता पक्ष-विपक्ष दोनों ही ओर से गोलबंदी की जा रही है. उच्च सदन में बीजेपी के पास नहीं है लिहाजा वह किसी सहयोगी दल के नेता को इस पद के लिए उतार सकती है. इस रेस में एनडीए के घटक शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ सांसद नरेश का भी नाम था लेकिन अब उन्होंने खुद को दौड़ से बाहर बताया है.

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पंजाब से राज्यसभा सदस्य गुजराल को बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की ओर से इस पद के लिये उम्मीदवार बनाए जाने के संकेत थे. उन्होंने कहा कि अगले उपसभापति का चयन सर्वसम्मति से होना चाहिए, जहां तक मेरा सवाल है, मैं दौड़ में नहीं हूं. गुजराल के नाम पर विचार किया जा रहा था क्योंकि सभी दलों में उनके दोस्त हैं और इस पद पर उनके नाम को लेकर आम सहमति बन सकती है.

दूसरी ओर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल टीएमसी सांसद सुखेंदू शेखर को सहमति के साथ विपक्ष का उम्मीदवार बना सकता है. इसके अलावा मुमकिन है कि कांग्रेस अपने दल के किसी नेता को उपसभापति पद के लिए मैदान में उतारे. सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ही ओर से इस पद के लिए अभी तक उम्मीदवार तय नहीं है जबकि बुधवार से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है.

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उपसभापति चुनाव: क्या TMC को सपोर्ट करेगी कांग्रेस? विपक्षी एकता का होगा टेस्ट

संसद के उच्च सदन से पिछले महीने पीजे कुरियन के रिटायर हो जाने के बाद यह पद खाली हुआ था. विपक्षी दल भी इस पद के लिये एक गैर कांग्रेसी उम्मीदवार को खड़ा करने पर विचार कर रहे हैं. इससे पहले उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वैंकेया नायडू ने भी सुझाव दिया था कि सरकार और विपक्ष को राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव सर्वसम्मति से करना चाहिए.

बता दें कि बीते 4 दशक से यह पद कांग्रेस के पास रहा है लेकिन इस बार किसी गैर कांग्रेसी को इस पद पर बैठाया जा सकता है. विपक्षी एकता बनाए रखने के लिए भी यह काफी अहम है कि कांग्रेस पार्टी किसी अन्य दल के प्रत्याशी का इस पद के लिए समर्थन करे.

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