
महाराष्ट्र सरकार में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने शनिवार को कांग्रेस की विवादित बुकलेट वापस लेने की मांग की जिसमें दावा किया गया है कि हिंदुत्व के विचारक विनायक सावरकर और महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे में शारीरिक संबंध थे. एनसीपी के प्रमुख प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि चूंकि सावरकर अब जीवित नहीं हैं, इसलिए ऐसी चर्चा नहीं होनी चाहिए. मलिक ने कांग्रेस से यह बुकलेट वापस लेने की मांग की.
कांग्रेस की ओर से जारी हिंदी बुकलेट का नाम है-वीर सावरकर, कितने वीर? जिसे मध्य प्रदेश में सेवा दल के एक कैंप में बांटा गया. बता दें, सेवा दल कांग्रेस का ही एक संगठन है. बुकलेट में सावरकर की देशभक्ति पर सवाल उठाया गया है. बुकलेट में यह भी कहा गया है कि सावरकर ने अंडमान की सेल्युलर जेल से रिहा होने के बाद अंग्रेजों से पैसा लिया था. कांग्रेस की इस पुस्तिका पर नवाब मलिक ने कहा, बुकलेट वापस ली जानी चाहिए. संबंधित व्यक्ति के साथ आपके मतभेद हो सकते हैं लेकिन किसी के खिलाफ ऐसी व्यक्तिगत टिप्पणी करना ठीक नहीं जो अब जीवित नहीं है.
नवाब मलिक ने कहा, विवादित लेख लिखना गलत है. वैचारिक मतभेद ठीक है लेकिन व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए, वह भी तब जब वह व्यक्ति (सावरकर) जीवित न हो. बुकलेट वापस ली जानी जाहिए.
संजय राउत भड़के
इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था, वीर सावरकर महान व्यक्ति थे और महान रहेंगे. एक धड़ा उनके खिलाफ चर्चा कर रहा है. इससे उनके दिमाग में भरी गंदगी का पता चलता है. उधर बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुकलेट पर बैन लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा, कांग्रेस ने बुकलेट जारी कर अपनी गंदी मानसिकता का परिचय दिया है.
नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वीर सावरकर के खिलाफ इस तरह की गंदी टिप्पणियों को स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे कभी बर्दाश्त नहीं करते. फडणवीस ने कहा, "यदि वह होते तो वह पहले व्यक्ति होते जो इस पर प्रतिक्रिया देते और वह भी अपने स्टाइल में. हालांकि, आज हम इसकी उम्मीद नहीं कर सकते हैं. हमारी मांग है कि इस पुस्तिका पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए." उन्होंने इस मुद्दे पर शिवसेना से जवाब भी मांगा.
क्या है मामला?
'वीर सावरकर कितने वीर' और 'आरएसएस और बीजेपी कुछ तथ्य और जानकारी' सेवा दल की बुकलेट हैं, जो सेवा दल के भोपाल में चले प्रशिक्षण शिविर में बांटे गए हैं. अन्य बातों के अलावा, इनमें से एक किताब में दावा किया गया है कि गोडसे और पूर्व में हिंदू महासभा के प्रमुख रहे सावरकर के बीच शारीरिक संबंध थे. डोमिनिक लीपियर और लैरी कॉलिन्स की पुस्तक, 'फ्रीडम एट मिडनाइट' से एक अंश लेकर पुस्तिका में कहा गया है, "नाथूराम गोडसे के ब्रह्मचारी बनने से पहले सिर्फ एक बार उसके शारीरिक संबंधों का जिक्र मिलता है. ब्रह्मचारी बनने से पहले उसके अपने राजनीतिक गुरु वीर सावरकर के साथ समलैंगिक संबंध थे."