
अनुसूचित जाति-जनजाति एक्ट में बदलाव को लेकर समुदाय का विरोध जारी है. आम जनता से लेकर एससी-एसटी समाज से आने वाले नेता भी इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. इस कड़ी में आज एनडीए के अनुसूचित जाति और जनजाति से आने वाले सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है.
आरएलएसपी के मुखिया और सांसद राम विलास पासवान, थावर चंद गहलोत, रामदास अठावले और उदित राज समेत कुल 18 सांसदों ने प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर ये मुद्दा उठाया है. हालांकि, इस बैठक में क्या कुछ बातचीत हुई इस पर अभी कोई बयान नहीं आया है. लेकिन जिस तरीके से एससी-एसटी एक्ट के कुछ महत्वपूर्ण प्रावधानों में बदलाव की बात से दलित और जनजातीय समाज में गुस्सा पनपा है, उसे लेकर समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसदों ने प्रधानमंत्री के सामने ये बात रखी है.
प्रधानमंत्री से मिलने वाले सांसदों में राम विलास पासवान, थावर चंद गहलोत, जुएल ओरांव, अर्जुन राम मेघवाल, रामदास अठावले, कृष्णा राज, अजय टम्टा, विजय सांपला, वीरेंद्र कुमार, उदित राज, रामचंद्र पासवान, सत्यनारायण जटिया, बीडी राम, वीरेंद्र कश्यप, विनोद सोनकर, अमर शंकर सांबले और आनंद राव शामिल हैं.
दरअसल, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट के कुछ अहम प्रावधानों को निरस्त कर दिया था. जिसे लेकर राजनीतिक और सामाजिक हलके में भारी बवाल मचा हुआ है. दावे किए जा रहे हैं कि एससी एसटी एक्ट में बदलाव से अनुसूचित जाति व अनुसूचित जन जाति के खिलाफ अपराधों को बढ़ावा मिलेगा.
मामला इतना गंभीर है कि एनडीए के कुछ सहयोगी दल और दो केंद्रीय मंत्रा इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने के लिए केंद्र सरकार से मांग कर चुके हैं. जिसके बाद अब एनडीए के 18 सांसदों ने पीएम के सामने मुद्दा उठाया है.