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सरकारों से निर्देश लेना बंद करे एनजीटीः जयराम रमेश

जयराम रमेश ने कहा है कि साल 2010 में एनजीटी की स्थापना पर्यावरण कानूनों को लेकर सरकारों की असंवेदनशीलता की जांच करने के लिए हुई थी.

पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश (फाइल फोटो) पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 जून 2020,
  • अपडेटेड 9:59 AM IST

  • पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने किया ट्वीट
  • याद दिलाया एनजीटी की स्थापना का उद्देश्य

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने तेलंगाना सरकार के नगर प्रशासन मंत्री केटी रामा राव पर लगे अवैध फार्महाउस बनाने के आरोप की जांच के आदेश दिए थे. अब एनजीटी के इस फैसले पर सियासत शुरू हो गई है. देश के पूर्व पर्यावरण मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस खबर को ट्वीट करते हुए कहा है कि यही समय है, जब एनजीटी जाग जाए और सरकारों से सलाह लेना बंद कर दे.

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जयराम रमेश इतने पर ही नहीं रुके. उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि साल 2010 में एनजीटी की स्थापना पर्यावरण कानूनों को लेकर सरकारों की असंवेदनशीलता की जांच करने के लिए हुई थी. इसका मकसद सरकारों को जवाबदेह बनाए रखने के लिए जनता को मौका देना था. रमेश ने एनजीटी के उस आदेश की खबर भी ट्वीट की है, जिसमें एनजीटी ने तेलंगाना के मंत्री के फार्महाउस में पर्यावरण नियमों का उल्लंघन कर कराए गए निर्माण कार्य की जांच के आदेश दिए हैं.

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वहीं, तेलंगाना के मंत्री ने खुद पर लगे आरोप को गलत बताते हुए कहा है कि यह पहले भी स्पष्ट कर चुका हूं कि वह प्रॉपर्टी मेरे नाम से नहीं है. मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बेटे केटी रामाराव ने ट्वीट कर यह भी साफ किया कि वे इसे लेकर कानूनी रास्ता तलाशेंगे. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि कांग्रेस के एक नेता ने मेरे खिलाफ एनजीटी में झूठे बयानों पर आधारित मामला दर्ज कराया है. यह बदनाम करने के लिए चलाया गया अभियान है.

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रामाराव ने कहा कि यह पहले ही स्पष्ट कर चुका हूं कि मैं उस संपत्ति का मालिक नहीं हूं. उन्होंने कहा कि वे झूठ का पर्दाफाश करने के लिए कानूनी रास्ते की तलाश करेंगे. गौरतलब है कि एनजीटी की दक्षिणी पीठ ने कांग्रेस सांसद रेवांत रेड्डी की याचिका पर सुनवाई करते हुए 6 जून को पर्यावरण नियमों का उल्लंघन कर अवैध निर्माण कराए जाने के आरोपों की जांच के आदेश दिए थे. एनजीटी ने तेलंगाना सरकार को नोटिस भी जारी किया था.

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