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एनजीटी ने देशभर में लगाई चाइनीज मांझे पर रोक

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का ये बैन पूरे देश पर लागू है. लिहाजा इस मामले मे मांझा एसोसिएशन को भी कोर्ट ने एक रिपोर्ट देने को कहा है जिसमें वो बताए कि किस तरह के मांझे बायो डिग्रेडेबल है.

चाइनीज मांझा चाइनीज मांझा
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 14 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 3:33 PM IST

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने देशभर मे पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाले चाइनीज मांझे की खरीद-फरोक्त, स्टोरेज और इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगा दी है. ये रोक नायलोन मांझा और ग्लास कोटिंग के कोटन मांझे पर भी लगाई गई है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने अपना ये आदेश खास तौर से एक डेढ़ महीने के अंदर आने वाले त्योहारों के मद्देनजर दिया है. बंसत पंचमी पर खास तौर से पतंगे उड़ाई जाती हैं और उस दौरान पक्षियों के साथ-साथ आम लोगों के भी घायल होने की खबरें मिलती है.

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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का ये बैन पूरे देश पर लागू है. लिहाजा इस मामले मे मांझा एसोसिएशन को भी कोर्ट ने एक रिपोर्ट देने को कहा है जिसमें वो बताए कि किस तरह के मांझे बायो डिग्रेडेबल है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने एक विस्तृत रिपोर्ट केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को भी तैयार करने को कहा है, जिसमें वो कोर्ट को बताए कि किस तरह के मांझे प्रयोग किए जा सकते हैं जो लोगों और पर्यावरण के लिए सुरक्षित हो. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का ये अंतरिम आदेश है, जो अभी से जनवरी तक पूरे देशभर में लागू रहेगा. कोर्ट एक फरवरी को इस मामले मे दोबारा सुनवाई करेगा और उसके बाद ये तय होगा की किस तरह के मांझे के प्रयोग की इजाजत देश मे दी जा सकती है.

15 अगस्त के दौरान भी राजधानी दिल्ली मे पंतग के मांझे से उलझकर 2 मासूम बच्चों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हो गए थे. उस दौरान भी सवाल उठा था कि दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए वक्त रहते मांझे के इस्तेमाल पर बैन लगाने के लिए समय पर नोटिफिकेशन क्यों नहीं जारी किया. बहरहाल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के इस आदेश के बाद अगर गंभीरता से सभी राज्य आदेश का पालन करें तो मांझे से घायल होने वाले लोगों और पक्षियों की अक्सर जाने वाली जान को बचाया जा सकता है.

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