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निर्भया केसः एमिकस क्यूरी बदलने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

निर्भया कांड में एमिकस क्यूरी(अदालत की मदद करने वाला वकील) के तौर पर नियुक्त वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन और संजय हेगड़े को बदला नहीं जाएगा. कोर्ट ने दोनों वकीलों को दोषियों की मदद के लिए नियुक्त किया था.

दोषियों ने की थी एमिकस क्यूरी बदलने की मांग दोषियों ने की थी एमिकस क्यूरी बदलने की मांग
मोनिका शर्मा/अहमद अजीम
  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 8:28 AM IST

निर्भया कांड में एमिकस क्यूरी (अदालत की मदद करने वाला वकील) के तौर पर नियुक्त वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन और संजय हेगड़े को नहीं बदला जाएगा. कोर्ट ने दोनों वकीलों को दोषियों की मदद के लिए नियुक्त किया था. उनको दोषियों की पैरवी करने के लिए कहा था, लेकिन केस के दो दोषियों मुकेश और अक्षय ने उन्हें बदलने की मांग की थी.

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दोषियों ने लगाया था पक्षपात करने का आरोप
मुकेश और अक्षय ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर कहा था कि दोनों वकीलों ने मीडिया में उनके खिलाफ बोला है और उनका रवैया पक्षपातपूर्ण है, ऐसे में उन्हें बदला जाए. जबकि दोनों वकीलों ने कोर्ट में कहा कि उन्हें ऐसी कोई बात याद नहीं जो उन्होंने दोषियों के खिलाफ बोली हो. इसके बाद कोर्ट ने दोनों वकीलों को एमिकस क्यूरी के तौर पर बनाए रखने का फैसला किया.

दोषियों के वकील की नहीं मानी अर्जी
सोमवार का दोनों दोषियों की पैरवी करते हुए वकील एम.एल. शर्मा ने जजों की बेंच से अनुरोध किया कि उन्हें बैठे-बैठे ही बोलने की अनुमति दी जाए लेकिन कोर्ट ने इनकार कर दिया. जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा, 'मुझे नहीं लगता. आप उतने उम्रदराज नहीं हैं. आपके खड़े रहने पर मैं आपको सुन सकता हूं.' सुप्रीम कोर्ट में बुजुर्ग और बेहद वरिष्ठ वकीलों को अक्सर ऐसे मामलों में बैठेकर दलीलें पेश करने के लिए कहा जाता है, जिसमें विस्तार से जानकारियां देनी होती हैं.

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दोषियों की सजा पर चल रही है सुनवाई
मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तय किया था इस केस की सुनवाई हर सोमवार और शुक्रवार को की जाएगी. इस मामले की सुनवाई को तेज कर दी गई है. कोर्ट की कार्यवाही आमतौर पर सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक होती है लेकिन इस केस की सुनवाई के लिए कोर्ट 2 घंटे ज्यादा काम करेगा. आपको बता दें कि इस मामले में निचली अदालत ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी. चारों ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

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