
केंद्रीय राजमार्ग और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शिवसेना के साथ रिश्तों में सुधार की उम्मीद जताई है. ‘आजतक’ के फ्लैगशिप शो ‘सीधी बात’ में शनिवार को उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो वह खुद शिवसेना के साथ बात करेंगे.
केंद्र और महाराष्ट्र की सरकार में घटक दल के रूप में शामिल शिवसेना के बीजेपी के साथ खटास इतनी बढ़ गई है कि उसने 2019 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा की है. इससे दोनों दलों के बीच कायम तल्खी को समझा जा सकता है.
बहरहाल, शिवसेना सिर्फ नाम के लिए ही बीजेपी के साथ है, इस सवाल पर गडकरी ने कहा, ‘एक कहावत है, तेरा मेरा जमता नहीं, तेरे सिवा मेरा चलता भी नहीं, शिवसेना के साथ हमारा जम जाएगा. गडकरी ने कहा, ‘शिवसेना और हमने विचारों के आधार पर काम किया है. टूटेगा नहीं रिश्ता जरूरत पड़ी तो मैं भी बात करूंगा.’
गौरतलब है कि शिवसेना अक्सर केंद्र और महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधती रहती है. हाल ही में तेलुगू देशम पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए से अलग राह चुनने का इशारा दिया था, जिसे लेकर शिवसेना ने बीजेपी को घेरा. उनका कहना है कि बीजेपी युति (गठबंधन) धर्म का पालन नहीं करती बल्कि मित्र दलों को कमजोर करने में उसे आनंद मिलता है.
शिवसेना ने कहा, बीजेपी की यही कार्यप्रणाली है कि राज्य में प्रादेशिक दलों से गठबंधन कर सत्ता पर काबिज होना और बाद में धीरे-धीरे मित्र दलों के ही पर कतरते हुए अपने हाथ-पैर फैलाना. सामना के जरिए शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी की इस कार्यप्रणाली को शिवसेना ने चलने नहीं दिया और उनके कामों का पर्दाफाश करते हुए महाराष्ट्र की राजनीति में स्वाभिमान का भगवा झंडा लहराए रखा.
दलित क्यों छिटक रहे हैं? इस सवाल पर गडकरी ने कहा, ‘महाराष्ट्र में जो घटनाएं हुईं वो झूठी साबित हो गईं. भीमा कोरेगांव में माओवादियों ने दलितों को भड़काने की कोशिश की. अब उनके ऊपर कार्रवाई हो रही है. बाबा साहेब अंबेडकर से जुड़े सभी मुद्दों को हमारी सरकार ने हल किया है. कांग्रेस की नीति है कि अल्पसंख्यकों के दिलों में, दलितों के दिलों में डर पैदा करे. बाबा साहेब का संविधान बदलने की बात करते हैं, हम कभी नहीं बदलने वाले.’