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SC ने कहा- एक्सपर्ट कमिटी बनाकर सुलझाएं बैंकों के 'बैड लोन' का मामला

बैंकों के नॉन परफॉर्मिंग असेट यानी खराब लोन पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए किस तरह की कार्रवाई की जा रही है. कोर्ट ने मंगलवार को पूछा कि क्या ऐसा कोई तरीका है जिससे बैंक डूबे हुए कर्जे की रिकवरी कर सकें.

SC ने कहा कि केंद्र सरकार बैंकों के एनपीए मामले को जल्द सुलझाए SC ने कहा कि केंद्र सरकार बैंकों के एनपीए मामले को जल्द सुलझाए
केशव कुमार/अहमद अजीम
  • नई दिल्ली,
  • 26 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 5:22 PM IST

बैंकों के नॉन परफॉर्मिंग असेट यानी खराब लोन पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए किस तरह की कार्रवाई की जा रही है. कोर्ट ने मंगलवार को पूछा कि क्या ऐसा कोई तरीका है जिससे बैंक डूबे हुए कर्जे की रिकवरी कर सकें. इस मामले में 19 जुलाई को अगली सुनवाई होगी.

बेहतर होनी चाहिए कर्ज नीति
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कर्ज वापसी की नीति बेहतर होती तो बैंक एनपीए की समस्या का सामना नहीं करते. इतने बड़े पैमाने पर एनपीए का होना और लोन की रकम वापस न मिलना ये साबित करता है कि सिस्टम में कहीं न कहीं खामी तो जरूर है. जिस तरह से कर्ज माफी दी गई है उस पर विचार करने की जरूरत है.

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सरकार करे एक्सपर्ट कमिटी का गठन
कोर्ट ने कहा कि अगर सरकार इन मामलों को देखने के लिए किसी कमिटी का गठन करती है तो उन्हें किसी तरह की आपत्ति नहीं होगी. कोर्ट ने सरकार से पूछा कि हम कोई एक्सपर्ट नहीं हैं, हम बैंकर्स नहीं हैं और हम टेक्निकल लोग भी नहीं हैं. सरकार चाहे तो इस मामले में कोई एक्सपर्ट्स की समिति बनाए और व्यवस्था को बेहतर बनाए. यह सरकार की जिम्मेदारी है.

बैंकों की कर्ज माफी के आंकड़ों में गड़बड़ी
सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लितिगातीं की तरफ से याचिका दाखिल करने वाले सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि बैंकों ने कर्ज माफी के संबंध में जो आंकड़ा उपलब्ध कराया है वो आरबीआई के आंकड़ों से मेल नहीं खा रहे हैं. बैंकों ने जो कर्ज माफी किए हैं उनके आंकड़ों में में व्यापक स्तर पर गड़बड़ियां हैं.

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