
पद्मश्री ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) कपिल मोहन ने गाजियाबाद में अंतिम सांस ली. आखिरी पलों में वह कार्डियक अरेस्ट का शिकार हो गए थे. सबसे पसंदीदा रम ओल्ड मंक को पॉपुलर बनाने के पीछे कपिल मोहन का हाथ था. लंबे समय से बीमार चल रहे कपिल ने 6 जनवरी को गाजियाबाद में अंतिम सांस ली. कपिल मोहन काफी समय से बीमार चल रहे थे. 88 साल के कपिल मोहन 'मोहन मिकिन लिमिटिड' के चेयरमैन थे.
1954 में हुई ओल्ड मंक की शुरुआत
कपिल मोहन ने ओल्ड मंक रम को 19 दिसंबर 1954 में लॉन्च किया था. ये रम भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में लोकप्रिय है. ओल्ड मंक की पॉपुलैरिटी के बाद कपिल मोहन ने ग्लास फैक्ट्री, फल-जूस प्रोडक्ट्स, नाश्ते का खाना, कोल्ड स्टोरेज में हाथ आजमाया. साल 2015 में सोशल मीडिया पर एक अफवाह उड़ी थी कि जल्द ही ओल्ड मंक की बिक्री बंद होने जा रही है. फिर कपिल मोहन ने इस बात को अफवाह बताते हुए कहा था कि ओल्ड मंक बंद नहीं होगी.
कपिल मोहन की मौत हार्ट अटैक से हुई है. कपिल मोहन सेना में रह चुके हैं और ब्रिगेडियर रहते उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया. 2010 में उनको पद्मश्री पुरस्कार मिला था.