
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास (IIT-M) में पढ़ने वाले जर्मनी के छात्र जिसे भारत छोड़ने को कहा गया है, उसके समर्थन में अब कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम भी उतर गए हैं. पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि आईआईटी के अन्य छात्र कहा हैं? इस फैसले के खिलाफ आईआईटी के लोगों को प्रदर्शन करना चाहिए.
पी चिदंबरम ने इस संबंध में 2 ट्वीट किए. चिदंबरम ने अपने पहले ट्वीट में कहा कि आईआईटी के अन्य छात्र कहां हैं. उन्हें जर्मन छात्र को निकाले जाने के मामले में विरोध करना चाहिए.
चिदंबरम ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि जर्मन हमें विश्व इतिहास के काले अध्याय की याद दिलाते हैं. ऐसी याद जिसे हम भारत में दोहराना नहीं चाहते हैं. उस छात्र के प्रति हमें कृतज्ञ होना चाहिए. आईआईटी के डायरेक्टर कहां हैं? आईआईटी के चेयरमैन कहां हैं? हमें इन दोनों की बात सुननी चाहिए.
दरअसल, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास (IIT-M) में पढ़ने वाले जर्मनी के एक छात्र को भारत छोड़ने के लिए कहा गया है. इस छात्र का नाम जैकब लिंडेथल है. जैकब ने चेन्नई छोड़ दिया है और जर्मनी लौटने के लिए फ्लाइट पकड़ने के लिए वह दिल्ली भी रवाना हो गया है.
विरोध प्रदर्शन में था जैकब
जैकब लिंडेथल नाम के इस छात्र ने 16 दिसंबर को IIT परिसर में CAA और NRC को लेकर छात्रों की ओर से निकाले गए विरोध प्रदर्शन के मार्च में हिस्सा लिया था. ये छात्र जामिया मिल्लिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई का भी विरोध कर रहे थे.
16 दिसंबर को IIT परिसर में गजेंद्र सर्किल से हिमालय ब्लॉक तक निकाले गए मार्च में जैकब को हाथ में तख्ती लिए देखा गया था, जिस पर लिखा था- 1933-1945 हम वहां थे.
शहर के चेपॉक में 16 दिसंबर की शाम को भी विरोध प्रदर्शन हुआ था, वहां जैकब के हाथ में जो तख्ती थी, उस पर लिखा था- वर्दीधारी अपराधी=अपराधी.
IIT मद्रास में भौतिकी विभाग का छात्र
जैकब IIT मद्रास में भौतिकी विभाग का छात्र है. प्रदर्शन वाले दिन इंडिया टुडे ने जैकब से बात की थी, तो उसने कहा था- मैं यहां एकजुटता दिखाने और मानवाधिकारों के लिए आया हूं.
फिर 23 दिसंबर को फॉरनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस ने जैकब को तुरंत देश छोड़ने को कहा. जैकब के साथ प्रदर्शन में मौजूद रहे एक छात्र ने नाम नहीं खोलने की शर्त पर बताया, 'जो हमने सुना है वो ये है कि इमिग्रेशन डिपार्टमेंट के अधिकारी उसके संपर्क में थे और उसे देश छोड़ने के लिए कहा गया. उसे बताया गया कि वीजा शर्तों के मुताबिक वो यहां पर किसी भी तरह के राजनीतिक प्रदर्शनों में हिस्सा नहीं ले सकता है.'
छात्र ने बताया कि उसे (जैकब लिंडेथल) जैसे ही देश छोड़ने का निर्देश मिला वैसे ही उसने जल्दी से जल्दी लौटने का फैसला किया, क्योंकि 25 दिसंबर को क्रिसमस है.