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चेतन की आखिरी सेल्फी आई सामने, लाश का पद्मावती से नहीं कोई कनेक्शन!

जयपुर के एडिशनल पुलिस कमिश्नर प्रफुल्ल कुमार का कहना है कि चेतन की मौत से पद्मावती विवाद का कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है. प्रारंभिक तौर पर ये आत्महत्या का मामला दिख रहा है लेकिन पूरी बात जांच के बाद ही सामने आएगी.

चेतन सैनी (फाइल फोटो) चेतन सैनी (फाइल फोटो)
शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 25 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:27 PM IST

जयपुर के नाहरगढ़ में युवक की मौत मामले में पुलिस और घरवाले दोनों ही चेतन की मौत को फिल्म पद्मावती विवाद से जुड़ा मामला नहीं मान रहे हैं. शुक्रवार को जयपुर में नाहरगढ़ की पहाड़ियों पर करीब 40 साल के एक युवक चेतन सैनी की लाश पहाड़ी पर बने किले की दिवार से लटकी मिली थी. दो बच्चों के पिता चेतन कुमार सैनी की जिस जगह लाश लटकी थी, उस जगह 25 पत्थरों पर 25 तरह की लिखावट में कई बातें लिखी थी, जिसमें करीब चार जगह पद्मावती का नाम लिखा था. चेतन की मौत से पहले की एक सेल्फी भी सामने आई है जिसे हादसे से पहले लिया गया था.

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पत्थरों पर लिखें संदेशों का मतलब

पत्थर पर लिखे संदेशों में लिखा था कि लोग पद्ममावती के लिए पुतले लटकाते हैं हम सिर्फ पुतले ही नहीं लटकाते. कई जगह ये भी लिखा था कि काफिर को अल्लाह के पास भेजना चाहिए. मृतक के दाएं हाथ और अंगूठे पर कालिख लगी हुई है और वहां आग के जले होने के निशान भी है. साथ ही युवक के पैर, घुटने और गाल छिले हुए थे. नाहरगढ़ घूमने आने वाले एक व्यक्ति ने लाश लटके होने की सूचना ब्रह्मपुरी थाने को दी, जिसके बाद सिविल डिफेंस टीम की मदद से उसे उतारा गया.

जेब में मिला कर्ज का हिसाब

पुलिस का कहना है कि उसके पास मिले मोबाइल में करीब दस सेल्फी ली हुई हैं, जिसमें वो सामान्य दिख रहा है. उसके जेब से एक पर्ची मिली है जिसमें कुछ लोगों के नाम लिखे हैं और करीब 4 लाख 90 हजार के कर्ज का हिसाब लिखा है. जयपुर के एडिशनल पुलिस कमिश्नर प्रफुल्ल कुमार का कहना है कि चेतन की मौत से पद्मावती विवाद का कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है. प्रारंभिक तौर पर ये आत्महत्या का मामला दिख रहा है लेकिन पूरी बात जांच के बाद ही सामने आएगी.

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परिजनों को हत्या का शक

मृतक के भाई रतन सिंह का भी कहना है कि चेतन न तो कभी फिल्म देखता था और न ही कभी पद्मावती फिल्म को लेकर चर्चा की. इसलिए उसकी हत्या होने की आशंका है. हमें हत्या का ही अंदेशा है और उसकी जांच होनी चाहिए. वो कभी नाहरगढ़ नहीं गया और गुरुवार शाम साढ़े पांच बजे तक परिवार के साथ था, लेकिन रात के बाद कई बार फोन करने पर भी उसने फोन नहीं उठाया.

सवाल ये है कि चेतन ने अगर आत्महत्या की है तो फिर वो शहर का सांप्रदायिक माहौल क्यों खराब करना चाहता था. उसने ऐसा क्यों दिखाया कि कोई पद्मावती फिल्म के विरोध का बदला लेने के लिए मुझे मारा गया. 'काफिरों को अल्लाह के पास भेजो' और 'हम केवल पद्मावती के पुतले ही नहीं लटकाते हैं...' जैसे विवादित बातों का क्या मतलब निकाला जाए. अगर हत्या की बात है तो फिर सवाल उठता है कि किसने और क्यों चेतन की हत्या की.

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