
पाकिस्तान की ओर से 2008 में मुंबई पर हुए 26/11 आतंकी हमले के मामले में भारत से सभी 24 गवाहों को आतंक निरोधक अदालत में पेश होने के लिए कहा है. अभियोजन पक्ष के वकील चौधरी अजहर ने यह जानकारी दी. अजहर ने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारत सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि 24 भारतीय गवाहों को अपना बयान दर्ज कराने के लिए ट्रायल कोर्ट के सामने भेजा जाए.
पाकिस्तानी गवाहों की सुनवाई पूरी
अजहर ने कहा कि इस्लामाबाद की आतंक निरोधक अदालत में बीते छह साल से चल रहे केस में सभी पाकिस्तानी गवाहों की सुनवाई पूरी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि अब गेंद भारत के पाले में है. भारत की ओर से सभी गवाहों को बयान रिकॉर्ड करवाने के लिए पाकिस्तान भेजना चाहिए. इसके बाद अदालत इस केस आगे बढ़ सकेगी.
कोर्ट ने मांगा आतंकियों का बोट
पाकिस्तान की फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी से कोर्ट ने पिछले महीने ही भारत के 24 गवाहों को सुनवाई के लिए पेश करने के लिए कहा था. कोर्ट ने कसाब और दूसरे आतंकियों की ओर से इस्तेमाल की गई बोट को भी पेश करने को कहा था. कोर्ट की दलील है कि सबूत की दोबारा जांच का प्रावधान है. इसके पहले कोर्ट की तरफ से आठ सदस्यीय पाकिस्तानी न्यायिक आयोग ने भारत का दौरा किया था.
आयोग की कार्यवाही को बताया था गैरकानूनी
लश्कर-ए-तैयबा के चीफ लखवी के वकील ने आयोग की कार्यवाही को चुनौती दी थी. चीफ मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट एसएस शिंदे ने आयोग के सदस्यों को गवाहों से पूछताछ नहीं करने दिया था. इसके बाद ट्रायल कोर्ट ने आयोग की कार्यवाही को गैरकानूनी करार दे दिया था.
मामले में सात गिरफ्तारी, पर रिहा हुआ लखवी
पाकिस्तानी अधिकारियों ने अबतक लश्कर-ए-तैयबा के 7 सदस्यों को मुंबई हमले की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया है. लखवी के अलावा, लश्कर के अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, सादिक, शाहिद जमील, जमील अहमद और यूनुस अंजुम को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से 55 साल के लखवी को दिसंबर 2014 में जमानत मिल गई. वह 10 अप्रैल 2015 को रावलपिंडी की एक जेल से रिहा हो गया था.