
नगालैंड में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सभी पार्टियों ने नगा मसले के समाधान की मांग का समर्थन किया है. नगा मसले को सुलझाने की मांग शीर्ष आदिवासी संगठन नगा होहो ने की है.
नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ), नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) तथा आम आदमी पार्टी ( आप) ने नगा होहो की कोर कमेटी को एक बैठक में बताया कि वह उनके ‘चुनाव नहीं, समाधान’ की मांग से सहमत हैं.
बैठक में शामिल नहीं हुई भाजपा
चार विधायकों वाले भारतीय जनता पार्टी ने इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया. इसके बाद आदिवासी नेताओं ने कहा कि वह भगवा पार्टी से अपील करेंगे कि वह लोगों के विचार को स्वीकार करें. आदिवासी संगठन ने राज्य में 27 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों को टाल देने की वकालत करते हुए कहा कि सात दशक से अधिक पुराने नगा मसले का समाधान निकालने की पहले आवश्यकता है.
कांग्रेस, नेशनल डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी, जनता दल यू, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी और नगालैंड कांग्रेस ने 25 जनवरी को एक बैठक कर आदिवासी संगठन की चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेने की मांग पर सहमति जता दी थी. राजनीतिक दलों ने हालांकि, होहो से अपील की है कि वह 1998 के राज्य विधानसभा चुनाव दोहराने से बचने के लिए पहले भाजपा को चुनाव से दूर रहने के लिए मनाएं.
'नई सरकार नगा मुद्दे का समाधान लेकर आएगी'
नगा होहो ने 1998 में चुनाव का बहिष्कार करने की अपील की थी लेकिन अंतिम मौके पर सत्तारूढ कांग्रेस ने नामांकन दायर कर दिया था और पार्टी साठ में से 59 सीट जीत गई थी. भाजपा के नगालैंड के प्रभारी राम माधव ने 22 जनवरी को दीमापुर में कहा था कि प्रदेश की नई सरकार नगा मुद्दे का समाधान लेकर आएगी और यह संवैधानिक जरूरत है कि पहले चुनाव कराया जाए.
नगालैंड का सियासी समीकरण
नगालैंड की सत्ता पर नगा पीपुल फ्रंट और बीजेपी गठबंधन की साझा सरकार है. राज्य की सत्ता से कांग्रेस को 2003 में बेदखल करके नगा पीपुल फ्रंट ने यहां कब्जा किया था, उसके बाद से लगातार सत्ता में वो बनी हुई है. बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनी सीटों को बढ़ाने की है. इसके अलावा अपनी सहयोगी पार्टी एनपीपी के साथ सत्ता में बहुमत के साथ वापसी करना भी एक चैलेंज है. जबकि कांग्रेस 14 साल बाद सत्ता में वापसी के लिए हाथ पांव मार रही है.
नगालैंड में कुल 60 विधानसभा सीटें हैं. पिछले 2013 के विधानसभा चुनाव में नगा पीपुल फ्रंट ने 45 सीटें जीती थीं. इसके अलावा 4 बीजेपी और 11 सीटें अन्य के खाते में हैं.