
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दिल्ली में साइबर स्पेस पर 5वें वैश्विक सम्मेलन का उद्घाटन किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने ई-गवर्नेंस मोबाइल ऐप 'उमंग' लॉन्च किया. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा, "दोस्तों हम जानते हैं कि पिछले दो दशकों में साइबर स्पेस ने कैसे दुनिया बदली है. हम 70 के दशक के बड़े-बड़े आकार के कंप्यूटर याद करते हैं. भारत की प्रतिस्पर्धा इस मामले में विकसित देशों से है. मोबाइल फोन अब डाटा स्टोरेज और कम्यूनिकेशन का सबसे बड़ा टूल है."
बता दें कि यह प्रतिष्ठित सम्मेलन प्रौद्योगिकी के विश्व से संबंधित पहलुओं पर चर्चा करने के लिए प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाता है. इस सम्मेलन में लगभग 124 देशों से 10 हजार लोग हिस्सा ले रहे हैं.
साइबर स्पेस ने बदली दुनिया
अपने उद्बोधन में पीएम मोदी ने आगे कहा, "डिजिटल दुनिया में बड़े बदलाव अब और तेज हो रहे हैं. ये दुनिया के साथ भारत में भी नजर आ रहा है. भारत के आईटी टैलेंट को दुनिया में पहचान मिली है. भारतीय आईटी कंपनी ने भी दुनिया में अपना नाम बनाया है. आज डिजिटल टेक्नॉलजी एक बड़ा उद्योग बन चुका है."
मोदी ने कहा कि टेक्नोलॉजी ने बैरियर तोड़ दिए हैं. इसमें भारतीय दर्शन 'वसुधैव कुटंबकम्' की झलक नजर आती है, दुनिया एक परिवार है. यह बताता है कि हमारी प्राचीन सभ्यता कैसी थी.
डिजिटल एक्सेस से लोगों को सशक्तकरने की कोशिश
उन्होंने कहा कि भारत में हम 'ईज ऑफ लिविंग' को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं. डिजिटल एक्सेस की मदद से लोगों को सशक्त करने की कोशिश कर रहे हैं. हम मोबाइल पॉवर का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि हमारे नागरिक सशक्त हों. हम आधार का इस्तेमाल कर रहे हैं. आधार का इस्तेमाल कर हम नागरिकों को लाइन में लगने से बचा रहे हैं.
इसके लिए हमारे पास तीन फैक्टर हैं-
1- जनधन खातों की मदद से आर्थिक समावेश
2- आधार प्लेटफॉर्म
3- मोबाइल फोन
भ्रष्टाचार पर बोलते हुए पीएम ने कहा, "ये तीनों फैक्टर भ्रष्टाचार खत्म करने में और पारदर्शिता लाने में काफी सहायक हैं. हमने इसके लिए 'JAM' लागू किया. जैम यानि जनधन, आधार, मोबाइल. डिजिटल क्रांति की मदद से आज एक किसान कई तरह की सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकता है. उदाहरण के लिए मृदा परीक्षण, विशेषज्ञों की राय और बेहतर कीमत. डिजिटल क्रांति उन्हें बेहतर आमदनी में मदद कर रही है. पेंशनभोगियों को अब बैंक में लाइन लगाने की जरूरत नहीं है. उसे अब अपने जिंदा होने का प्रमाण देने की जरूरत नहीं है. वह आधार की मदद से यह काम कर सकता है."
ई-गवर्नेंस को देगा नई दिशा
उन्होंने कहा कि भारत के लोग अब कैशलेस ट्रांजेक्शन कर रहे हैं. इसके लिए भारतीय भीम एप का इस्तेमाल कर रहे हैं. यह कैशलेश और करप्शन फ्री समाज बनाने में मददगार है. हम भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं. लोगों के आइडिया के लिए हमने एक नया प्लेटफॉर्म लॉन्च किया (मॉय गॉव/mygov). जहां लोग अपने आइडिया और राय शेयर कर सकते हैं. कई सारे लोगो लोगों ने वहां शेयर किए कई सारे विचार आए. इसके साथ हमने 'प्रगति' के तहत समयबद्द क्रियान्वयन सुनिश्चित किया. आज हमने उमंग एप लॉन्च किया. इसमें कई सुविधाएं हैं. केन्द्र और राज्य सरकारों के समन्वय से यह एप बनाया गया है. यह ई-गवर्नेंस को नई दिशा देगा.
साइबर स्पेस महत्वपूर्ण क्षेत्र
साइबर स्पेस पर बोलते हुए उन्होंने कहा, "साइबर स्पेस नवाचार के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है. आज हमारे स्टार्टअप्स रोजमर्रा की समस्याओं का समाधान और जीवन में सुधार लाने की कोशिश कर रहे हैं. इंटरनेट यंगस्टर्स के लिए एक बेहतर माध्यम है. यहां वे अपनी क्रिएटिविटी दिखा सकते हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सभी के लिए साइबर स्पेस एकबराबर ला रहे हैं. समाचार जो स्टूडियो से हमें बताते हैं, अब सोशल मीडिया पर प्रकाश डाले गए अनुभवों से पूरक हैं. यह बदलाव साइबर वर्ल्ड की वजह से है."
साइबर-सुरक्षा के मुद्दे पर समाधान की जरूरत
उन्होंने कहा कि विश्व समुदाय को साइबर-सुरक्षा के मुद्दे पर आत्मविश्वास के साथ एक समाधान और दृष्टिकोण की जरूरत है. साइबर स्पेस टेक्नॉलजी हमारे लोगों को संबल प्रदान करने वाली होनी चाहिए. राष्ट्रों को यह भी सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि डिजिटल स्पेस आतंकवाद और कट्टरता के लिए एक खेल का मैदान बनकर ना रह जाए.
भारत में हो रहा पहली बार आयोजन
भारत में इस सम्मेलन का आयोजन पहली बार किया जा रहा है. इस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत साल 2011 में हुई थी. चौथी कॉन्फ्रेंस अप्रैल 2015 में नीदरलैंड के हेग में हुई थी.