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PoK में सर्जिकल स्ट्राइक के जरिये पीएम मोदी ने पाकिस्तान और विश्व बिरादरी को दिए ये संदेश

पीएम मोदी ने कहा कि हमले के जरिये भारत ने बता दिया है कि उसे दुश्मन की हरकत का जवाब देने के अधि‍कार का इस्तेमाल बखूबी आता है. और इसके लिए ऐसे तरीके अपना सकता है जो कारगर और आसान हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में भारतीय कमांडो की सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच तनाव बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ पीओके में घुसकर आतंकी कैंप तबाह किए जाने पर इंडियन आर्मी और पीएम मोदी की देशभर में तारीफ हो रही है. उरी हमले में शहीद हुए जवानों की शहादत का बदला लिए जाने पर उनके परिजनों में भी संतोष की लहर है. आपको बता दें कि 28-29 सितंबर की रात आर्मी के स्पेशल कमांडो सरहद के तीन किलोमीटर अंदर तक घुसे और करीब 50 आतंकियों को मार गिराया.

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आइए, जानते हैं इस ऑपरेशन के जरिये पीएम मोदी ने पड़ोसी सहित विश्व बिरादरी को क्या संदेश दिया है...

इस हमले के जरिये भारत ने बता दिया है कि उसे दुश्मन की हरकत का जवाब देने के अधि‍कार का इस्तेमाल बखूबी आता है. और इसके लिए ऐसे तरीके अपना सकता है जो कारगर और आसान हैं. हालांकि, जवाब देने के लिए युद्ध का विकल्प है, लेकिन इसमें बड़े पैमाने पर तैयारी, फिर इससे होने वाले नुकसान के मद्देनजर सर्जिकल स्ट्राइक बेहतर विकल्प है. भारतीय सेना ने पिछले साल म्यांमार में भी ऐसे ऑपरेशन को अंजाम देते हुए सैकड़ों उग्रवादियों को मार गिराया था.

बार-बार परमाणु हमले की धमकी देने वाले पाकिस्तान को मोदी सरकार ने सख्त संदेश दिया है कि भारत उसकी गीदड़भभकी से नहीं डरने वाला है. गौरतलब है कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने उरी हमले के बाद दो बार यह बयान दिया था कि अगर उनकी जमीन पर हमला हुआ तो वो परमाणु हथियार का इस्तेमाल करने से नहीं हिचकेंगे.

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मोदी सरकार ने पड़ोसी को एहसास करा दिया है वो हमारी शांति की पहल को कमजोरी न समझे, वरना भारत बदला लेने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. पीएम बनने के बाद मोदी ने पाकिस्तान के साथ दोस्ती बढ़ाने की दिशा में कई पहलें की.

मोदी सरकार ने पाकिस्तान को बता दिया है कि बातचीत की प्रक्रिया में अब 'ऑफ द टेबल' कुछ भी नहीं होगा. 55 साल पुराने सिंधु जल समझौते की समीक्षा किए जाने के संकेत देकर भी भारत ने पड़ोसी मुल्क को यह संदेश दिया.

आतंकियों के लिए सुरक्ष‍ित पनाहगाह बने पाकिस्तान को ये मैसेज दिया गया है वो आतंक का चोला ओढ़कर ज्यादा दिनों तक दुनिया को गुमराह नहीं कर सकता है. क्योंकि पाकिस्तान एक ओर तो आतंकवादियों को शरण देता है, दूसरी ओर खुद को आतंकवाद से ग्रस्त बताकर अमेरिका से आतंकवाद से लड़ाई के नाम पर फंड लेता है.

पीएम मोदी ने पाकिस्तान को दुनिया के मंच पर एक्सपोज कर दिया है कि उसकी जमीन पर आतंकवाद की फसल लहलहा रही है. चाहे वो मुंबई में 2008 में हुआ हमला हो या पठानकोट एयरबेस पर हुआ आतंकी हमला, भारत की जमीन पर इन हमलों में पाकिस्तान से आए आतंकियों के हाथ होने की सबूत मिले.

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भारत सरकार ने यह दिखा दिया है कि वो आतंकी हमलों का जवाब देने के लिए जोखिम वाले ऑपरेशन को अंजाम देने से पीछे नहीं हटने वाला है. यह भारत की पहले की नीति से बिल्कुल अलग है क्योंकि अभी तक भारत की प्रतिक्रिया आमतौर पर रक्षात्मक होती थी. भारत की इस नीति से चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों को लगता था कि कुछ भी हो जाए, भारत जंग नहीं छेड़ सकता.

बाहरी खतरों को लेकर भारत के नजरिये में बड़ा बदलाव आया है. एक उन्नत और आधुनिक देश इस तरह की चुनौतियों का किस तरह सामना करना चाहिए, यह भारता जानता है. इस ऑपरेशन के जरि ये भारत ने एक चीज साफ कर दी है कि जैसा कुछ दशकों से चलता आ रहा था, अब वो आगे नहीं होगा. यानी अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मामले में जिस तरह का रवैया भारत के साथ अपनाया जाएगा, भारत उसी अंदाज में जवाब भी देगा. इसलिए अब भारत को कोई हल्के में लेने की भूल ना करे.

यानी, इस एक्शन से साफ है कि मोदी सरकार ने अपने रुख में बदलाव के संकेत दे दिए हैं और इससे पीछे हटना बेहद मुश्क‍िल है.

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