
जेडीयू नेता प्रशांत किशोर ने कहा है पूरे देश में एनआरसी लागू करने का आइडिया नागरिकों की नोटबंदी जैसा है. प्रशांत किशोर का कहना है कि सरकार के इस फैसले से गरीब और हाशिए पर खड़े लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे.
NRC यानी नागरिकता की नोटबंदी
प्रशांत किशोर राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर यानी एनआरसी (NRC) का शुरू से ही विरोध करते आ रहे हैं. इसके अलावा वे नागरिकता संशोधन बिल का भी खुले तौर पर विरोध कर चुके हैं. प्रशांत किशोर ने रविवार सुबह ट्वीट कर कहा, "देश भर में NRC लागू करने का विचार नागरिकता के नोटबंदी के बराबर है, जब तक आप इसे साबित नहीं कर देते आप अमान्य रहते हैं...हम अपने अनुभव से जानते हैं कि इसका सबसे बड़ा नुकसान गरीब और हाशिये पर मौजूद लोगों को होगा."
NRC और नागरिकता बिल का विरोध
देश के शीर्ष चुनावी रणनीतिकारों में शुमार प्रशांत किशोर NRC और CAA को लेकर सरकार के प्रखर आलोचक रहे हैं. जब नागरिकता संशोधन बिल पर जेडीयू ने मोदी सरकार का समर्थन किया तो जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के बावजूद उन्होंने सार्वजनिक मंच पर नीतीश कुमार के इस फैसले की आलोचना की. प्रशांत किशोर ने कहा था कि इस बिल का समर्थन कर जेडीयू 2015 में पार्टी को समर्थन करने वाली जनता को क्या जवाब देगी ये उसे सोचना होगा.
नीतीश से मिलकर स्पष्ट की तस्वीर
प्रशांत किशोर की ओर से जेडीयू नेतृत्व की आलोचना के बाद ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि पीके जेडीयू छोड़ भी सकते हैं. इन्ही कयासों के बीच प्रशांत किशोर ने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद प्रशांत किशोर ने मीडिया को बताया कि जेडीयू और नीतीश देशभर में एनआरसी के मामले में पुराने स्टैंड पर कायम हैं, और वे एनआरसी का विरोध करते रहेंगे. प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार ने उन्हें भरोसा दिया है कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा.