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पुडुचेरी: LG किरण बेदी के खिलाफ डॉक्टर-नर्स का प्रदर्शन, माफी मांगने की मांग

पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी के रवैये को लेकर नारायणसामी सरकार के बाद अब डॉक्टर और नर्स भी सड़क पर उतर आए हैं. मंगलवार को डॉक्टर, नर्स और मेडिकल अधिकारियों ने आज प्रदर्शन किया.

पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी
अक्षया नाथ
  • पुडुचेरी,
  • 21 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 11:01 AM IST

  • किरण बेदी के रवैये से नाराज हैं डॉक्टर-नर्स
  • आज दो घंटे तक एलजी के खिलाफ प्रदर्शन

पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी के रवैये को लेकर नारायणसामी सरकार के बाद अब डॉक्टर और नर्स भी सड़क पर उतर आए हैं. मंगलवार को डॉक्टर, नर्स और मेडिकल अधिकारियों ने सुबह 8 बजे से 10 बजे यानी दो घंटे तक प्रदर्शन किया. मेडिकल स्टाफ की मांग है कि अपने व्यवहार के लिए उपराज्यपाल किरण बेदी माफी मांगे.

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दरअसल, 18 जुलाई को उपराज्यपाल किरण बेदी कोरोना विशेष प्रकोष्ठ के निरीक्षण के लिए गई थीं. किरण बेदी पर आरोपी है कि उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ असभ्य और धमकी भरा व्यवहार किया. प्रदर्शन कर रहे मेडिकल स्टाफ ने मांग की कि किरण बेदी अपने उस व्यवहार के लिए माफी मांगे और आगे कभी भी ऐसा व्यवहार न करें.

कल यानी सोमवार को डॉक्टर, नर्स और मेडिकल अधिकारियों ने उपराज्यपाल किरण बेदी के खिलाफ काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया. मेडिकल स्टाफ किरण बेदी के विभाग को संभालने के तरीके की निंदा की. आज सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स ने दो घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया और उपराज्यपाल के खिलाफ नारे लगाए.

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इस बीच पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी और एलजी किरण बेदी के बीच फिर जुबानी जंग तेज हो गई है. दरअसल, 19 जुलाई को एलजी दफ्तर से एक पत्र मुख्यमंत्री को भेजा गया था. इसमें लिखा गया है कि विधानसभा सत्र के बारे में उन्हें 17 जुलाई को विधानसभा सचिवालय की ओर से जानकारी दी गई.

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एलजी किरण बेदी ने कहा कि इससे पहले उन्हें एनुअल फाइनेंसियल स्टेटमेंट नहीं भेजा गया. यूटी एक्ट 1963 की धारा 27 और 28 के तहत उनसे अनुदान की मांग भी नहीं की गई. एलजी ने इस मामले को गंभीर बताया है. पत्र में कहा गया है कि बजट पेश करने और एलजी के अभिभाषण के लिए अब नई तारीख दी जाएगी.

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इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने लिखा है कि विधानसभा के समक्ष फाइनेंसियल स्टेटमेंट पेश करने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी ली जा सकती है, इसलिए इस मामले में किसी को नजरंदाज नहीं किया गया है. एलजी ने खुद को नजरअंदाज किए जाने का आरोप लगाया है जिस पर मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है.

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