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जगन्नाथ मंदिर: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की सुरक्षा में सेंध, हुई धक्कामुक्की

ओडिशा का विश्वविख्यात पुरी जगन्नाथ मंदिर एक बार फिर से विवादों में घिर गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी सविता के साथ मंदिर की यात्रा के दौरान वहां के सहायकों ने दुर्व्यवहार किया था. अब इस घटना पर राष्ट्रपति भवन ने गहरी निराशा जताई है.

पुरी जगन्नाथ मंदिर यात्रा के दौरान कोविंद दंपति पुरी जगन्नाथ मंदिर यात्रा के दौरान कोविंद दंपति
मनोज्ञा लोइवाल
  • भुवनेश्वर,
  • 27 जून 2018,
  • अपडेटेड 7:47 PM IST

ओडिशा का विश्वविख्यात पुरी जगन्नाथ मंदिर एक बार फिर से विवादों में घिर गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी सविता के साथ मंदिर की यात्रा के दौरान वहां के सहायकों ने दुर्व्यवहार किया था. अब इस घटना पर राष्ट्रपति भवन ने गहरी निराशा जताई है.

यह चौंकाने वाला मामला उस समय सामने आया जब श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजीटीए) ने दुर्व्यवहार के लिए अपने 3 आरोपी सहायकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला लिया है.

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राष्ट्रपति कोविंद अपनी पत्नी सविता के साथ 18 मार्च को इस प्रतिष्ठित मंदिर में पहली बार दर्शन के लिए गए थे. कोविंद दंपति की मंदिर यात्रा को लेकर वहां पर भारी सुरक्षा व्यवस्था तैनात की गई थी, लेकिन उनके मंदिर दर्शन के दौरान कुछ सहायक सुरक्षा प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए उनके करीब पहुंच गए और उन्होंने इस वीआईपी दंपति के साथ न सिर्फ धक्का-मुक्की की बल्कि कोहनी से उन्हें टक्कर भी मारी.

हालांकि मंदिर के मुख्य प्रशासक आईएएस प्रदीप्ता कुमार मोहपात्रा ने घटना के बारे में कुछ भी जानकारी देने से मना कर दिया. माना जा रहा है कि मंदिर और जिला प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लिया, फिलहाल आरोपियों को नोटिस जारी करने का फैसला लिया गया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में आईएएस मोहपात्रा ने कहा, 'हमें राष्ट्रपति भवन से पत्र मिला है. हमने मंदिर की मैनेजिंग कमिटी से इस संबंध बातचीत भी की है. हम पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं.'

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मंदिर से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कुछ सहायकों ने कोविंद दंपति के रास्ते को उस समय रोक दिया था जब वे मंदिर में पूजा करने जा रहे थे.

दूसरी ओर, मंदिर से जुड़े अधिकारियों का कहना था कि राष्ट्रपति के प्रोटोकॉल को लेकर छोटी सी घटना थी. उनकी मंदिर यात्रा के दौरान कुछ सहायकों और सरकारी अफसरों को ही मंदिर के अंदर जाने दिया गया. जबकि आम लोगों के लिए दरवाजे बंद कर दिए गए थे. इस दौरान कुछ सहायक उनसे मिलने को लेकर आतुर थे और उनसे बात करना चाहते थे, इसलिए वे राष्ट्रपति के करीब चले गए.

इससे पहले अप्रैल में मंदिर का चाबी खोने का मामला सामने आया. इस मामले पर वहां की राजनीति भी गरमा गई है. मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया है.

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