राहुल गांधी को अब भी आस- 2019 में मायावती आएंगी साथ

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राज्यों में हम लचीला रुख अपनाने को तैयार हैं, वास्तव में मैं तो राज्य के नेताओं से भी ज्यादा लचीला रवैया अपनाने को तैयार था, हमारी बातचीत बीच में ही थी.

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो, क्रेडिट- INC India) कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो, क्रेडिट- INC India)
विजय रावत
  • नई दिल्ली,
  • 05 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 12:38 PM IST

बसपा सुप्रीमो मायावती भले ही मध्य प्रदेश, राजस्थान और छ्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से अलग जाने का ऐलान कर चुकी हैं, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अभी भी भरोसा है कि 2019 आते-आते राजनीतिक समीकरण बदलेंगे और मायावती कांग्रेस के साथ गठबंधन में शामिल हो जाएंगी. राहुल के मुताबिक मायावती ने भी ऐसा ही संकेत दिया है.

राहुल गांधी ने कहा है कि केन्द्र में गठबंधन और राज्य में गठबंधन अलग-अलग मसला है. शुक्रवार (5 अक्टूबर) को एचटी लीडरशिप समिट कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "राज्यों में हम लचीला रुख अपनाने को तैयार हैं, वास्तव में मैं तो अपने प्रादेशिक नेताओं से भी ज्यादा लचीला रवैया अपनाने को तैयार था...हमारी बातचीत बीच में ही थी, लेकिन मुझे लगता है कि उन्होंने अपना अलग रास्ता चुन लिया." राहुल ने कहा कि उनकी समझ में मध्य प्रदेश में बीएसपी के साथ गठबंधन नहीं होने का कांग्रेस पर कुछ ज्यादा असर नहीं पड़ने वाला है. राहुल ने कहा, "अच्छा होता अगर एलायंस हुआ होता लेकिन फिर भी मुझे भरोसा है कि हम मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव जीतेंगे."

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2019 लोकसभा चुनाव के लिए सहयोगी तलाश रहे राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें यकीन है कि आम चुनाव के लिए मायावती साथ आ जाएंगी. राहुल ने कहा, "मेरी समझ में नेशनल इलेक्शन तक दोनों पार्टियां साथ होंगी, खासकर उत्तर प्रदेश में. राहुल गांधी से जब पूछा गया कि क्या वो गठबंधन को लेकर आश्वस्त हैं? इस पर राहुल ने कहा कि अबतक मिल रहे संकेतों के आधार पर वे ऐसा कह सकते हैं. राहुल ने दावा किया कि राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत को लेकर उन्हें भरोसा है.

बता दें कि कर्नाटक विधानसभा के नतीजों के बाद से ही कयास लगाये जा रहे थे कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और बसपा का गठबंधन हो सकता है. राजनीतिक विश्लेषकों को तब हैरानी हुई जब मायावती ने छत्तीसगढ़ में पूर्व सीएम अजीत योगी से गठबंधन कर कांग्रेस से दूरी बना ली. अजीत जोगी ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से अलग होकर जनता कांग्रेस का गठन किया है. छत्तीसगढ़ की 90 सीटों में से बीएसपी 35 पर और अजीत जोगी की पार्टी 55 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी मायावती ने कांग्रेस अलग होकर विधानसभा चुनाव में उतरने की घोषणा की है. मायावती ने कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह पर हमला करते हुए कहा था कि ये नेता राज्य में बीएसपी और कांग्रेस का गठजोड़ नहीं होने देना चाहते हैं. हालांकि मायावती ने ये भी कहा था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी गठबंधन के पक्ष में थे.

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