
चुनाव प्रचार के दौरान सियासी दलों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप के दौरान कड़वाहट के माहौल को टाला नहीं जा सकता. गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे और आखिरी चरण का प्रचार मंगलवार को खत्म हो गया. इसके बाद बुधवार सुबह ऐसा मौका आया जब सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता एक दूसरे से रू-ब-रू हुए. मौका था संसद पर हमले की 16वीं बरसी पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने का.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब कांग्रेस नेताओं- सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मनमोहन सिंह के सामने आए तो एक-दूसरे से दुआ-सलाम हुई. हालांकि कोई बातचीत नहीं हुई. कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद और राहुल गांधी जरूर आपस में हाथ मिलाते दिखे. राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठे सवालों का जवाब रविशंकर प्रसाद ने ही मंगलवार को दिया था.
हाथ मिले, दिल नहीं!
चुनावी रैलियों में एक-दूसरे पर जमकर बरसने वाले नेता संसद भवन में आसपास खड़े थे. राहुल गांधी और सोनिया गांधी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नमस्कार जरूर हुआ. मनमोहन सिंह भी प्रधानमंत्री के सामने आए तो अभिवादन हुआ लेकिन बातचीत नहीं हुई. हालांकि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने सुषमा स्वराज और राजनाथ सिंह के साथ थोड़ी देर जरूर बात की . प्रधानमंत्री के साथ कांग्रेस के बड़े नेताओं की दूरी साफ दिखाई दे रही थी. वे पास खड़े होकर भी दूर नजर आ रहे थे. कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला थोड़ी देर के लिए प्रधानमंत्री से बातचीत करते जरूर देखे.
हर साल 13 दिसंबर को संसद हमले की बरसी पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए संसद भवन में कार्यक्रम होता है. इस मौके पर प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष समेत तमाम सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता मौजूद रहते हैं. शहीद जवानों के परिजन भी इस मौके पर आते हैं.
गुजरात चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी की तरफ से एक दूसरे को निशाना बनाया गया था. उधर मणिशंकर अय्यर के घर पर पाकिस्तान के कुछ नेताओं और कुछ पूर्व पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ बैठक की वजह से मनमोहन सिंह भी प्रधानमंत्री के निशाने पर थे. मनमोहन सिंह ने भी प्रधानमंत्री को जवाब दिया और माफी मांगने के लिए कहा. इसके बाद आपस में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला बढ़ गया था.