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कल गोरखपुर जाएंगे राहुल गांधी, मृतक बच्चों के परिजनों से करेंगे मुलाकात

इससे पहले जब ये घटना सामने आई थी, तब कांग्रेस का एक डेलीगेशन दिल्ली से गोरखपुर गया था. जिसमें वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, आरपीएन सिंह और राज बब्बर शामिल थे.

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी
सुप्रिया भारद्वाज
  • नई दिल्ली,
  • 18 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 7:56 AM IST

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जाएंगे. राहुल गांधी यहां उन बच्चों के परिजनों से मिलेंगे, जिनकी बीआरडी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते मौत होने का मामला सामने आया था.

इससे पहले जब ये घटना सामने आई थी, तब कांग्रेस का एक डेलीगेशन दिल्ली से गोरखपुर गया था. जिसमें वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, आरपीएन सिंह और राज बब्बर शामिल थे. कांग्रेस नेताओं ने अस्पताल में बच्चों की मौत के लिए सीधे तौर पर योगी आदित्यनाथ सरकार को कठघरे में खड़ा किया था.

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कांग्रेस ने लखनऊ में किया था प्रदर्शन

कांग्रेस ने बच्चों की मौत के मामले को व्यापक स्तर पर उठाया है. घटना के बाद यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर ने बड़ी तादाद में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ लखनऊ की सड़कों पर बैठकर योगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था. इस घटना पर अभी चर्चा चल ही रही है कि राहुल गांधी का गोरखपुर जाना मामले को और राजनीतिक हवा देने का काम कर सकता है. हालांकि, दूसरी तरफ घटना पर गोरखपुर के डीएम ने जांच रिपोर्ट दी है, उसमें उन्होंने बच्चों की मौत के लिए बीआरडी कॉलेज के प्रिंसिपल और दूसरे डॉक्टर्स को जिम्मेदार ठहराया है.

रिपोर्ट में लापरवाही का दावा

डीएम की रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पताल को ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स और ऑक्सीजन यूनिट के इंचार्ज डॉक्टर सतीश ने इसमें लापरवाही बरती है. रिपोर्ट में दावा है, ''सतीश को लिखित रूप से अवगत भी कराया गया था, लेकिन उन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति में बाधा पैदा की. लिहाजा वह इसके लिए दोषी हैं. इसके अलावा स्टॉक बुक में लेन-देन का पूरा ब्योरा भी नहीं लिखा गया. सतीश की ओर से स्टॉक बुक का न तो अवलोकन किया गया और न ही उसमें हस्ताक्षार किया गया, जो सतीश की लापरवाही को दर्शाता है.''

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बता दें कि बीआरडी अस्तपाल में इंसेफेलाइटिस से पीड़ित बच्चों की ऑक्सीजन की कमी के चलते मौत हो गई थी. 11 अगस्त को करीब 30 बच्चों की मौत की सूचना सामने आई थी, जिसके बाद हर दिन मौत का आंकड़ा बढ़ता गया और करीब 70 बच्चों की मौत हो गई. हालांकि, सरकार लगातार ये दावा करती रही कि ऑक्सीजन की कमी के चलते बच्चों की मौत नहीं हुई.

 

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