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सब्सिडी का बोझ हटाना रेलवे की नए साल की विशलिस्ट में !

लेकिन इस बार बजट का जिम्मा वित्त मंत्रालय के हाथ में है लिहाजा रेल मंत्रालय अपनी दुखती रग का मुकम्मल इलाज कराने की जुगत में लग गया है.

आम बजट के साथ आएगा रेल बजट आम बजट के साथ आएगा रेल बजट
सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 30 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 4:04 PM IST

इस बार रेल बजट को आम बजट के साथ ही मिला दिया गया है यानि आम बजट में ही रेल मंत्रालय का बजट भी शामिल होगा. आने वाले बजट में रेल मंत्रालय कई तरहों से दी जा रही सब्सिडी से हाथ खींचने की तैयारी कर रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि सीनियर सिटीजन, डिफेंस, स्पोर्ट्स पर्सन, स्टूडेंट्स, पत्रकार, दिव्यांग और मरीजों को दी जा रही टिकट में छूट को लेकर रेल मंत्रालय उहापोह में है. जहां एक तरफ उससे आमदनी बढ़ाने को कहा जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ तरह तरह की सब्सिडी पिछली सरकारों द्वारा दी गई जिससे रेलवे की हालत खस्ता होती चली गई.

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लेकिन इस बार बजट का जिम्मा वित्त मंत्रालय के हाथ में है लिहाजा रेल मंत्रालय अपनी दुखती रग का मुकम्मल इलाज कराने की जुगत में लग गया है. आजतक को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक रेल मंत्रालय चाहता है अलग-अलग सब्सिडी से संबंधित मंत्रालय विभिन्न कोटे में दी जा रही सब्सिडी का बोझ उठाएं.

आम बजट में मर्जर के बाद रेल मंत्रालय ने यात्रियों को दिए जा रहे सस्ते सफर से हाथ खींचने की जमीन तैयार करनी शुरु कर दी है, रेलवे के आला अफसरों से मिली जानकारी के मुताबिक बजट को लेकर रेल मंत्री सुरेश प्रभु 3 जनवरी को वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात करेंगे और इस मुलाकात के दौरान रेल मंत्री प्रभु वित्त मंत्री को रेल की आर्थिक मांगों से जुड़ी हुई एक विशिष्ट सौंपेंगे. इसके तहत इस बात को साफ किया जाएगा कि रेल मंत्रालय चाहता है कि टिकट सब्सिडी की भरपाई इनसे जुड़े मंत्रालय खुद करें.

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यात्री किराए में दी जा रही सब्सिडी के अलावा रेल मंत्रालय रेलवे कर्मचारियों को दी जाने वाली पेंशन के बोस को भी वित्त मंत्रालय के खाते में डालना चाहता है. रेल मंत्रालय की दलील है कि अगर वित्त मंत्रालय तमाम सरकारी कर्मचारियों की पेंशन का खर्च उठाता है तो रेलवे मंत्रालय के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है, रेलवे कर्मचारियों को अन्य केंद्रीय कर्मचारियों की तरह रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलती है और रेल मंत्रालय का एक बड़ा बजट इसी काम में खर्च हो जाता है.

दरअसल रेल मंत्रालय हर साल 34000 करोड़ रुपये बतौर पेंशन देता है. इस आर्थिक बोझ को हल्का करने के अलावा रेल मंत्रालय वित्त मंत्रालय से बजटीय सहायता में भी बढ़ोतरी की मांग करने जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक इस बार रेल 65000 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता की मांग कर सकता है. रेल की ओर से तैयार की गई बजट विशलिस्ट में रेलवे सेफ्टी के लिए एक बड़ी रकम मुहैया कराने की बात भी बताई जा रही है.

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