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लगभग आधी कीमत पर सफर कर रहे हैं आप, अब टिकट के जरिए 'एहसान' जता रही है 'प्रभु' की रेल

रेलवे ने अब रेलयात्रियों को इस बात का अहसास कराना शुरू कर दिया है कि उनसे वो कीमत नहीं वसूली जा रही है जितनी वसूली जानी चाहिए.

किराया का 43 फीसदी हिस्सा सब्सिडी के तौर पर देने का दावा किराया का 43 फीसदी हिस्सा सब्सिडी के तौर पर देने का दावा
अमित कुमार दुबे/सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 23 जून 2016,
  • अपडेटेड 2:21 PM IST

रेलवे ने अब रेलयात्रियों को इस बात का अहसास कराना शुरू कर दिया है कि उनसे वो कीमत नहीं वसूली जा रही है जितनी वसूली जानी चाहिए. अब अपने सभी टिकटों पर रेलवे ने ये लिखना शुरू कर दिया है "IR RECOVERS ONLY 57% OF THE COST OF TRAVEL ON AN AVERAGE'' जबकि सबअर्बन रेलवे के टिकटों पर "IR RECOVERS ONLY 36% OF THE COST OF TRAVEL ON AN AVERAGE'' को लिखा जा रहा है.

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किराया का 43 फीसदी हिस्सा सब्सिडी के तौर पर
दरअसल रेलवे लोगों को कहीं न कहीं ये बता रही है कि लोग कम पैसे में रेलयात्रा का आनंद ले रहे हैं. अगर आपने हाल फिलहाल में रेल टिकट खरीदा हो तो उस पर ध्यान से देखिए रेलवे ने साफ साफ शब्दों में लिखना शुरू कर दिया है कि आपकी यात्रा के कुल लागत का केवल 57 फीसदी ही आप से वसूला जा रहा है बाकी का 43 फीसदी रेलवे खुद वहन कर रही है.

रेलवे के दिया आंकड़ों का हवाला
अब अगर रेलवे के इस फॉर्मूले को किराये में अपना कर देखे तो पता चलेगा कि आपके किराये की कॉस्टींग कितनी है और आपके कितना वसूला जा रहा है. अगर कोई यात्री आज की तारीख में दिल्ली से मुबंई जाने के राजधानी ट्रेन से यात्रा करते हैं तो मौजूदा किराये के मुताबिक रेलवे फर्स्ट एसी का किराया 4755 रुपया चार्ज करती है जो कि उसके कुल खर्चे का 57 फीसदी है यानी रेलवे को यात्रा पर 7175 रुपये खर्च करने होते हैं. इस हिसाब से रेलवे यात्री को करीब 3085 रुपये की सब्सिडी देती है.

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सभी क्लास में सब्सिडी का दावा
रेलवे के बेस फेयर के अलावा उस पर सर्विस टैक्स और खाने पीने के लिए कैटरिंग चार्ज वसूला जाता है जो सीधे उन्हीं के मद में चला जाता है. अन्य दूसरे क्लास की बात करें तो मुंबई राजधानी में सेकेंड एसी का किराया 2870 रुपये लिया जाता है जबकि रेलवे का 4156 रुपये खर्च होता है. यानी किराये में सब्सिडी के तौर पर 1793 रुपये मिल रही है. वहीं थर्ड एसी का किराया दिल्ली से मुंबई का 1628 रुपये है. इसके लिए रेलवे को 2856 रुपये का वहन करना पड़ता है. यानी यात्री किराये में 1228 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है.

टिकट पर रेलवे का संदेश
अगर हम समान्य एक्सप्रेस ट्रेन की बात करें तो दिल्ली से पटना जाने वाली सम्पूर्ण क्रांति एक्सप्रेस में थर्ड एसी का किराया 1300 रुपये है, जबकि रेलवे का खर्चा 2033 रुपये होता है और यात्री किराये में 874 रुपये की सब्सिडी मिलती है. इसके अलावा दिल्ली से पटना का स्पीलर में किराया 490 रुपये वसूला जाता है, जबकि रेलवे 771 रुपये खर्च का दावा करती है. यानी यात्री किराये में 331 रुपये की सब्सिडी मिलती है.

सब्सिडी को टिकट पर छापने के कई मायने
लोगों को जब रेलवे ने सब्सिडी का अहसास कराना शुरू किया तो अब ये आशंका गहरा गई है कि कहीं एलपीजी सब्सिडी की तर्ज पर प्रधानमंत्री मोदी रेलवे की सब्सिडी छोड़ने की अपील तो नहीं करने जा रहे हैं. इसके अलावा रेल किराये में बढ़ोतरी की संभावना भी बनी हुई है. फिलहाल रेलवे इस तरह की किसी भी कदम को उठाने से मनाही कर रही है. लेकिन मकसद साफ है कि रेलवे की माली हालात के बारे में लोग जाने इसलिए टिकटों पर ये प्रिटिंग की जा रही है.

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रेलवे की पैंसेजर किराये में दी जाने वाली क्रॉस सब्सिडी की बात करें तो सालाना रेलवे करीब 34 हजार करोड़ रुपये यात्री किराये में नुकसान उठाती है, यानी देश भर में भारतीय रेल को यात्री ट्रेनों के संचालन में करीब 76 हजार करोड़ रुपये का खर्च उठाना पड़ता है जबकि किराये के मद में मात्र 43 हजार करोड़ रुपये ही वसूल पाती है.

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