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राजधानी एक्सप्रेस में तकिया-कंबल गंदे मिलने पर ट्रेन सुपरिटेंडेंट जिम्मेदार

अगर आप राजधानी से सफर कर रहे हैं और आपको तकिया-कंबल गंदे मिलें या खाने को लेकर शिकायत हो तो आपको समझ में नहीं आता कि किससे शिकायत करें.

नई सुविधा से यात्रियों को होगी सहूलियत नई सुविधा से यात्रियों को होगी सहूलियत
सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 9:48 PM IST

अगर आप राजधानी से सफर कर रहे हैं और आपको तकिया-कंबल गंदे मिलें या खाने को लेकर शिकायत हो तो आपको समझ में नहीं आता कि किससे शिकायत करें. हालांकि अब लोग ट्विटर पर ट्वीट करके इसके बारे में जानकारी देने लगे हैं. लेकिन इस तरह की शिकायतों के तुरंत निपटारे के लिए रेलवे ने जबावदेही तय कर दी गई है.

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रेलमंत्री ने की घोषणा
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस बारे में घोषणा करते हुए कहा है कि अब रेलगाड़ियों में दी जाने वाली सभी सुविधाओं के लिए ट्रेन सुपरिटेंडेंड यानी टीएस की जबावदेही होगी. 1 सितंबर से रेलवे ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर नए पहले-पहल इस व्यवस्था को दिल्ली डिवीजन के अंतर्गत मेंटीनेंस की जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में लागू किया गया है. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस व्यवस्था को राजधानी चलाकर देखा जा रहा है और इससे मिलने वाले फीडबैक के बाद इसको दूसरी सभी ट्रेनों में लागू किया जाएगा.

नई सुविधा से यात्रियों को होगी सहूलियत
रेल मंत्रालय के मुताबिक ट्रेन सुपरिटेंडेंट रेलगाड़ी में मौजूद सभी सुविधाओं को सुचारू ढंग से संचालित करने के जिम्मेवार होगा. इसका सीधा-सा मतलब ये हुआ कि अगर गाड़ी में सुविधाओं में कोई कमी है तो आप ट्रेन सुपरिटेंडेंट को शिकायत कर सकते हैं और इसके लिए संबंधित गाड़ी में ट्रेन सुपरिटेंडेंट का फोन नंबर चस्पा किया जाएगा. ट्रेन पर मौजूद सभी रेल कर्मचारी और बाहरी एजेंसीज के सभी सुपरवायजर ट्रेन सुपरिटेंडेंट को रिपोर्ट करेंगे. ऑनबोर्ड सर्विसेज का पूरा कंट्रोल ट्रेन सुपरिटेंडेंट के हाथों में होगा.

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सुपरिटेंडेंट का नंबर हर कोच में होगा मौजूद
ट्रेन के रखरखाव में शामिल सभी विभागों में तालमेल बनाए रखने के लिए रेल मंत्रालय के आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कैरिज एंड वैगन डिपार्टमेंट और इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के इंचार्ज अब असिस्टेंट ट्रेन सुपरिटेंडेंट यानी एटीएस के तौर पर पदनामित किए जाएंगे. ये दोनों अधिकारी ट्रेन सुपरिटेंडेंट के मातहत होंगे और ट्रेन सुविधाओं को बेहतर करने में मदद करेंगे. संबंधित रेलवे जोनों को टीएस और एटीएस के कामकाज का स्पष्ट बंटवारा करने को कहा गया है. टीएस का संपर्क नंबर हर एक कोच में लगाया जाएगा ताकि रेलयात्री अपनी शिकायतों को सीधे पहुंचा सकें.

फिलहाल राजधानी ट्रेन में इस सेवा की शुरुआत
रेल मंत्रालय ने फिलहाल ये व्यवस्था दिल्ली डिवीजन के अंतर्गत मेन्टीनेंस की जाने वाली सभी राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में लागू कर दी है. दिल्ली डिवीजन के सीनियर डीसीएम को इन ट्रेनों का प्रोडक्ट मैनेजर बनाया गया है. ये रेल अधिकारी निजामुद्दीन, नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली से चलने वाली या आने वाली सभी राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों की सुविधाओं की मॉनीटरिंग करेगा. पानी, एसी, कंबल-चादर, मोबाइल चॉर्जर, खाना-पीना, टाइम टेबल जैसी तमाम चीजों के लिए ट्रेन सुपरिटेंडेंड के लिए प्रोडक्ट मैनेजर सिंगल विंडो सिस्टम की तरह काम करेगा. इस पूरे सिस्टम की मॉनीटरिंग और व्यवस्था के लिए रेल मंत्रालय ने क्रिस (CRIS) को एक मोबाइल एप बनाने का भी आदेश दिया है.

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