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अब 64% बड़ा होगा आपका रेल टिकट, PRS टिकट साइज बढ़ाने का फैसला

रेलवे ने अब पीआरएस टिकट का साइज बढ़ाने का फैसला लिया है. नए फैसले के मुताबिक अब पीआरएस टिकट 15.6 सेंटीमीटर लंबा और 9.6 सेंटीमीटर चौड़ा होगा. मौजूदा पीआरएस टिकट की लंबाई 12.7 सेंटीमीटर और चौड़ाई 7.2 सेंटीमीटर होती है.

भारतीय रेलवे ने लिया फैसला भारतीय रेलवे ने लिया फैसला
मोनिका शर्मा/सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 04 मई 2016,
  • अपडेटेड 11:43 AM IST

रेलवे ने अब पीआरएस टिकट का साइज बढ़ाने का फैसला लिया है. पीआरएस वो टिकट है जो पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम के तहत आते हैं और इनको स्टेशन और आरक्षण केंद्रों पर जारी किया जाता है.

लंबाई और चौढ़ाई दोनों होंगी बड़ी
नए फैसले के मुताबिक अब पीआरएस टिकट 15.6 सेंटीमीटर लंबा और 9.6 सेंटीमीटर चौड़ा होगा. मौजूदा पीआरएस टिकट की लंबाई 12.7 सेंटीमीटर और चौड़ाई 7.2 सेंटीमीटर होती है. इसका सीधा सा मतलब ये हुआ कि अब रेलवे के पीआरएस टिकट का साइज 64 फीसदी ज्यादा होगा.

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बढ़े हुए स्पेस पर होगा विज्ञापन
भारतीय रेलवे ने पीआरएस टिकट का साइज बढ़ाने का फैसला इसलिए नहीं लिया है कि इससे यात्रियों को कोई सुविधा होगी. बल्कि ये फैसला इसलिए लिया गया है कि इससे बढ़े हुए आकार पर विज्ञापन छापकर पैसे कमाए जा सकें. रेलवे बोर्ड ने जोनल रेलवे को भेजे गए अपने आदेश में कहा है कि बड़े आकार के टिकट पर यात्री के टिकट के डिटेल पहले की तरह ही रहेगी लेकिन बाकी बचे स्पेस में जोनल रेलवे अलग-अलग विज्ञापन छापकर पैसे कमा सकती हैं.

पीआरएस टिकट के पीछे वाले हिस्से में 30 फीसदी जगह पर यात्रियों के लिए निर्देश छापे जाएंगे तो वहीं 70 फीसदी जगह पर विज्ञापन छापे जाएंगे. कुल मिलाकर रेलवे ने अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए पीआरएस टिकट का साइज बढ़ा दिया है.

यात्रियों को हो सकती है असुविधा
रेलवे ने भले ही अपनी आमदनी बढ़ाने के इरादे से पीआरएस टिकट का साइज बढ़ा दिया हो लेकिन बड़े आकार के टिकट को संभालकर जेब रखना आसान नहीं होगा. रेल यात्रियों के मुताबिक मौजूदा टिकट को ही आकार की वजह से संभालकर रख पाना आसान नहीं होता है, ऐसे में अगर इसका आकार 64 फीसदी ज्यादा होगा तो इसको अपनी जेब या पर्स में संभालकर रख पाना संभव नहीं होगा. यानी नए आकार के टिकट को मोड़तोड़ कर ही रखना होगा.

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ज्यादा कागज यानी काटे जाएंगे ज्यादा पेड़
पीआरएस टिकट का साइज बढ़ाने का दूसरा बड़ा घाटा पर्यावरण का नुकसान है. टिकट का साइज बढ़ाने की वजह से रेलवे टिकट में कागज की खपत तकरीबन 64 फीसदी ज्यादा बढ़ जाएगी. इसका मतलब ये हुआ कि बढ़े हुए आकार के टिकट के लिए पेपर बनाने के लिए धरती पर ज्यादा पेड़ काटे जाएंगे.

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