
राजीव गांधी हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक सीलबंद रिपोर्ट पर सरकार और सीबीआई अगले हफ्ते जवाब देगी. इस सीलबंद रिपोर्ट के बाद इसी हत्याकांड में सजायाफ्ता एक दोषी पेरियवलन ने कोर्ट को एक पन्ने की लिखित दलील दी है.
पेरियवलन ने दलील दी कि उसने सिर्फ दो बैटरी धनु को सप्लाई की थी. उनका ही इस्तेमाल मानवबम्बर धनु ने अपने बम बेल्ट में किया था. दूसरी दलील इस मामले की गायब फाइल्स को लेकर है. तीसरी दलील उस पत्रकार की हत्या को लेकर है जिसने राजीव हत्याकांड में तांत्रिक चन्द्रस्वामी की भूमिका को लेकर कई अहम जानकारी होने का दावा किया था.
कोर्ट ने इस दलीलनामे पर कहा कि पहला बिंदु बैटरी वाला ही पेरियवलियन से संबंधित है. बाकी बिंदुओं पर बाद में विचार होगा. कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि मानव बम ब्लास्ट के पीछे साजिश किसने कब और कहां रची इस विशेष आयाम पर रिपोर्ट पेश की जाए. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते तय की है.
आपको याद दिला दें कि 1991 के आम चुनाव में प्रचार के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक भयंकर बम विस्फोट में राजीव गांधी की मौत हो गई थी.
नवंबर 1990 में श्रीलंका में जाफना के घने जंगलों के बीच एक आतंकी ठिकाने में प्रभाकरण बैठा था. उसके साथ बैठे थे उसके चार साथी. बेबी सुब्रह्मण्यम, मुथुराजा, मुरूगन और शिवरासन. एक बड़ी साजिश बन रही थी. घंटों तनाव के बीच चली बैठक. हर आदमी अपना पक्ष रख रहा था. बेहद गोपनीय इस बैठक में तनाव इतना था कि हवा भी बम की आवाज की तरह लग रही थी. उमस और गर्मी के बीच प्रभाकरण बहुत तेजी से सुन और बुन रहा था. आखिर साजिश पूरी हो गई. प्रभाकरण ने राजीव गांधी की मौत के प्लान पर मुहर लगा दी. प्लान को पूरा करने की जिम्मेदारी चार लोगों को सौंपी गई.
बेबी सुब्रह्मण्यम- लिट्टे आइडियोलॉग, हमलावरों के लिए ठिकाने का जुगाड़.
मुथुराजा- प्रभाकरण का खास, हमलावरों के लिए संचार और पैसे की जिम्मेदारी.
मुरुगन- विस्फोटक विशेषज्ञ, आतंक गुरू, हमले के लिए जरूरी चीजों और पैसे का इंतजाम.
शिवरासन- लिट्टे का जासूस, विस्फोटक विशेषज्ञ, राजीव गांधी की हत्या की पूरी जिम्मेदारी.