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कांग्रेस मुक्त गुजरात नहीं बना सके, कांग्रेस मुक्त देश क्या बनाएंगे: आनंद शर्मा

आनंद शर्मा ने कहा कि राजनीति में आलोचना, वाद विवाद जरूरी है. इसीलिए लोकसभा में पक्ष प्रतिपक्ष जरूरी है. देश में कांग्रेस मुक्त भारत की बात की जा रही है, गुजरात को मुक्त नहीं कर सके, देश को कैसे मुक्त करोगे.

कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 07 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 4:36 PM IST

राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जारी बहस पर कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार सबसे नीरस भाषण रहा. पुराने वादों का जिक्र नहीं, नए वादों की बात है. उन्होंने कहा कि राजनीति में आलोचना, वाद विवाद जरूरी है. इसीलिए लोकसभा में पक्ष प्रतिपक्ष जरूरी है. देश में कांग्रेस मुक्त भारत की बात की जा रही है, गुजरात को मुक्त नहीं कर सके, देश को कैसे मुक्त करोगे. उन्होंने कहा कि हम पीएम से प्रमाण पत्र नहीं चाहते, पर हमारे अंदर संस्कार है कि हम कभी बीजेपी मुक्त भारत बनाने की बात नहीं करेंगे.

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आनंद शर्मा ने कहा कि राष्ट्रपित के अभिभाषण में पिछले साढ़े तीन साल का हिसाब नहीं है. भाषण से ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार की सोच है कि 2014 में जो वादे किए गए थे, वो सब पूरे हो चुके हैं. सरकार के दावे जमीनी हकीकत को नकारते हैं. पिछले राष्ट्रपित के अभिभाषण प्रेरणाजनक होते थे. उम्मीद जगाते, युवाओं के भविष्य और बच्चों की बात होती थी. जबकि इस बार के अभिभाषण में योजनाएं कब पूरी होंगी जिक्र नहीं है.

उन्होंने कहा कि संविधान के मुताबिक अभी पांच साल के लिए सरकार आती है, आप अभी से ही 2022 के बात कर रहे हैं. आपकी गिनती कमजोर है. 2019 में लोग तय करेंगें कि 2022 का हिसाब कौन देगा. 2019 में आपकी शायद इच्छा पूरी न होगी.

आनंद शर्मा ने कहा कि बीजेपी सरकार की मंशा है कि उससे हिसाब मत मांगो. ये पहला अभिभाषण है जिसमें सुरक्षा हालात का जिक्र नहीं, विदेश नीति, कूट नीति का जिक्र नहीं. चीन से क्या बात हुई, डोकलाम की समस्या सुधर गई, क्यों वहां निर्माण हो रहा है. नेपाल में क्या हो रहा है, देश चारो ओर से घिर रहा है, मालदीव में क्या हो रहा है. इस पर कोई बात नहीं कही गई.

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उन्होंने ने कहा कि अमित शाह ने सत्ताधारी दल के अध्यक्ष कहते हैं कि आजादी के बाद गड्ढे में गिरा देश , तिजोरी खाली मिली. पुराने पीएम ने भी राष्ट्र निर्माण किया, विदेश में उपलब्धि हुई, इसे स्वीकार न करना उन लोगों का अपमान है, जिन्होंने देश निर्माण और आजादी में अहम भूमिका अदा की है.

शर्मा ने कहा कि आईआईटी बनाने की सोच नेहरू की थी. उनके दौर में देश में पांच आईआईटी बन गए ते. अमित शाह के जन्म से दो साल पहले नेहरू ने अहमदाबाद में आईआईएम बना दिया था. देस का पहला आईआईटी 1951 में स्थापित हो गया था. देश का पहला और एकलौता नेशनल इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन को नेहरू ने 1961 में स्थापित किया था. 1954 में एटोनॉमी डिपार्टमेंट स्थापित किया था.

उन्होंने कहा कि गांधी की तुलना दीनदयाल उपाध्याय से आप करें, पर इतिहास और देश इसे स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि 1974 में इंदिरा गांधी ने पोखरण में विस्फोट किया

यूपीए के समय में मनमोहन के समय में आठ आईआईटी बने. 7 आईआईएम बने, चार आईआईएस बने, चंद्रयान 2008, मंगलायन 2013 में रवाना हुआ. इसे आप स्वीकार न करके

इतिहास, संस्थाओं, देश और वैज्ञानिकों का आप अपमान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यूपीए के 10 साल में 7.9 फीदी जीडीपी थी. अप्रैल 2009 में जी20 की विशेष बैठक में मनमोहन को बुला कर पूछा गया था कि इस मंदी से कैसे निपटा जाए. उन्होंने कहा कि 2014 में 480 डॉलर की जीडीपी. यूपीए के समय में एक दशक में जीडीपी को चार गुना किया. जबकि आज जीडीपी की क्या हालत है.

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उन्होंने कहा कि वंशवाद क्या होता है, एक परिवार आजादी की लड़ाई में  संघर्षरत रहा, चार पीढ़ियों का बलिदान है. नेहरू सबसे लंबे समय तर अंग्रेजों की जेल में रहे. उन्होंने14 साल तक जेल में रहे. इंदिरा राजीव देश के लिए शहीद हुए, देश को गर्व है, पर आप को नहीं है.

उन्होंने कहा कि आपने कहा- बड़ी प्रभावशाली आर्थिक प्रगति हो रही है, दिख नहीं रहा, निवेश 34 से 26.9, उदोय्ग कर्जा 63 साल का सबसे कम है, निर्माण नहीं. मेक इन इंडिया के विज्ञापन पर खर्च है, एफडीआई की नीति बदल दी, सीसीएस मंजूरी देगी उच्च तकनीक का, पूर्ण सुरक्षा की बात करते हैं, एफडीआई इन डिफेंस 1 करोड़ 13 लाख, 320 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट, जहां हम थोड़कर गए थेस वहबां पुहुंचा दगें तो बहुत होगा.

शर्मा ने कहा कि आड पारदर्शिता नहीं है, राफेल डील की 2005 से बाच चल रही थी, ग्लोबल टेंडर थे, राफेल जेट फाइटर, यूरोफाइटर टाइफून, ग्रिपन जहान शॉर्टलिस्ट हुए थे. देश की सुरक्षा से समझौता हुआ है. राफेल जेट सबसे बड़ा घोटाला है. 126 फाइटर जेट, 18 बने बनाए, 108 भारत में एचएएल बनाएगा. तकनीक मिलेगी, 36 हजार करोड़ का ऑफसेट एचएएल को मिलेगा, यह करार था.

उन्होंने कहा कि 2015 में बात बदली, 1 राफेल 526 करोड़ थी, आपकी सरकार आई, पीएम 8 अप्रैल 2015 को फ्रांस गए, विदेश सचिव ने कहा था कि पीएम रक्षा सौदे की खरीद नहीं करते. 10 अप्रैल को घोषणा कर दी कि 36 जहाज खरीदेंगे, मेक इन इंडिया, तकनीक ट्रांसफर होगा, 1570 करोड़

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निजी क्षेत्र को लाएंगे कहा था, एचएएल को मिलने वाला निजी कंपनी को गए, ऑफसेट भी गया, कतर ने 12 राफेल खरीदे 694 करोड़ के खरीदे और हम 1570 में खरीद रहे.

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