Advertisement

रामजस कॉलेज विवाद: ABVP के खिलाफ शहीद की बेटी का कैंपेन वायरल

तस्वीर के साथ पोस्ट किये संदेश में गुरमेहर कौर ने कहा था कि वो राजनीतिक तौर पर निष्पक्ष हैं लेकिन वो रामजस कॉलेज के सरोकारों से जुड़ी हैं. उन्होंने लिखा- 'मैं एबीवीपी को गुंडागर्दी और संविधान में दिये गए मूलभूत अधिकारों के उल्लंघन के लिए खारिज करती हूं. ये वामपंथ बनाम दक्षिणपंथ की जंग नहीं है. मैं एबीवीपी को खारिज करती हूं क्योंकि मैं देश के संविधान में यकीन रखती हूं और एबीवीपी ऐसा नहीं करती.'

डीयू की छात्रा गुरमेहर कौर डीयू की छात्रा गुरमेहर कौर
लव रघुवंशी
  • नई दिल्ली,
  • 26 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 11:05 AM IST

रामजस कॉलेज में हालिया हिंसा के खिलाफ करगिल शहीद की बेटी का कैंपेन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. लेडी श्रीराम कॉलेज में पढ़ने वाली गुरमेहर कौर ने फेसबुक पर एबीवीपी की कड़ी आलोचना की है.

वायरल हुआ संदेश
एक लंबे पोस्ट के साथ उन्होंने तख्ती पकड़े हुए अपनी फोटो प्रोफाइल पिक्टर के तौर पर लगाई है. तख्ती पर लिखा है- 'मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा हूं. मैं तंग सोच की सियासी विचारधारा को अपने कैंपस और अधिकारों का अपहरण नहीं करने दूंगी. देश का हर स्टुडेंट मेरे साथ है.'

Advertisement

देश भर में हजारों छात्रों ने गुरमेहर को फॉलो करते हुए अपनी प्रोफाइल तस्वीर को उनके ही अंदाज में बदला है. फेसबुक के अलावा ट्विटर और इंस्टाग्राम पर #StudentsAgainstABVP के तहत हजारों प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.

'गुंडागर्दी से चाहिए आजादी'
तस्वीर के साथ पोस्ट किये संदेश में गुरमेहर कौर ने कहा था कि वो राजनीतिक तौर पर निष्पक्ष हैं लेकिन वो रामजस कॉलेज के सरोकारों से जुड़ी हैं. उन्होंने लिखा- 'मैं एबीवीपी को गुंडागर्दी और संविधान में दिये गए मूलभूत अधिकारों के उल्लंघन के लिए खारिज करती हूं. ये वामपंथ बनाम दक्षिणपंथ की जंग नहीं है. मैं एबीवीपी को खारिज करती हूं क्योंकि मैं देश के संविधान में यकीन रखती हूं और एबीवीपी ऐसा नहीं करती.'

गुरमेहर ने आगे पूछा है- 'देशद्रोही कौन है? संविधान के खिलाफ कौन है? मैंने देखा है कि एबीवीपी पर हमले की झूठी खबरें फैलाई गईं. मैंने कई ऐसे लोगों को पिटते देखा है जिनका रामजस कॉलेज में होने वाले सेमिनार से कोई ताल्लुक नहीं था. मैं कश्मीर या बस्तर की आजादी के लिए चिल्लाने वालों की भी आलोचना करती हूं. इसलिए नहीं कि उनकी बात वैध नहीं है. बल्कि इसलिए क्योंकि ये मुहिम किसी और बात को लेकर है. मैं फासीवाद, गुंडागर्दी और डर के खिलाफ आजादी मांग रही हूं. मैं हमेशा ऐसे लोगों के खिलाफ रहूंगी जो इन चीजों की नुमाइंदगी करते हैं. मैं सैनिकों और राष्ट्रीय एकता का सम्मान करती हूं. लेकिन फिलहाल वो खतरे में नहीं हैं.'

Advertisement

गुरमेहर कौर के पिता मंदीप सिंह सेना में कप्तान थे और 1999 में करगिल की लड़ाई में शहीद हो गए थे. लुधियाना की रहने वाली गुरमेहर को राजनीति में आने से कोई परहेज नहीं है. लेकिन उसका इरादा लेखक बनने का है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement