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राष्ट्रपति कोविंद के 100 दिन: सुर्खियों में रहे ये बयान

बीते दिनों जिस तरह राष्ट्रपति कोविंद ने ताजमहल, टीपू सुल्तान और इतिहास को लेकर बयान दिए हैं, वह उनकी निष्पक्षता जाहिर करते हैं. राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों के मुताबिक भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस शीर्ष संवैधानिक पद पर 100 दिनों के दौरान समय का प्रभावी उपयोग किया और तीव्र निर्णय करने पर जोर दिया.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (फाइल फोटो) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (फाइल फोटो)
आशुतोष कुमार मौर्य
  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 3:51 PM IST

राष्ट्रपति पद पर रामनाथ कोविंद ने आज 100 दिन पूरे कर लिए है. BJP समर्थित और RSS पृष्ठभूमि के कोविंद का यह 100 दिनों का कार्यकाल हालांकि तमाम अटकलों के बीच काफी प्रभावी रहा है.

उन्होंने देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में 25 जुलाई को पदभार संभाला था. कोविंद को राष्ट्रपति चुने जाने के समय बीजेपी और कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष में जिस कदर चुनावी जंग छिड़ी थी, उससे लग रहा था कि कोविंद राष्ट्रपति बनने के बाद बीजेपी की ही लाइन लेते नजर आएंगे.

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लेकिन बीते दिनों जिस तरह उन्होंने ताजमहल, टीपू सुल्तान और इतिहास को लेकर बयान दिए हैं, वह उनकी निष्पक्षता जाहिर करते हैं. राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों के मुताबिक भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस शीर्ष संवैधानिक पद पर 100 दिनों के दौरान समय का प्रभावी उपयोग किया और तीव्र निर्णय करने पर जोर दिया.

कोविंद ने इस अवधि में विभिन्न राज्यों का दौरा किया, क्योंकि संघीय ढांचे में राज्यों का महत्वपूर्ण स्थान होता है. इतना ही नहीं साल के आखिर तक उनका लक्ष्य लगभग हर राज्य का दौरा करने की है.

राष्ट्रपति कोविंद ने इस दौरान केरल, कर्नाटक जैसे गैर NDA शासित प्रदेशों का भी दौरा किया. राष्ट्रपति भवन के सूत्रों के मुताबिक कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में लोगों की पहुंच अधिक सुलभ बनाने का प्रयास किया है.

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