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रांची: खातों में क्यों नहीं डाले 15 लाख? पीएम मोदी, गृह मंत्री के खिलाफ दी शिकायत

शिकायतकर्ता के मुताबिक अमित शाह ने कहा कि 2019 में बीजेपी के चुनाव घोषणापत्र में नागरिकता संशोधन कानून मुख्य एजेंडा था जिसे पूरा किया गया. कोर्ट में बहस के दौरान शिकायतकर्ता की ओर से कहा गया कि क्यों CAA का वादा पूरा किया गया और पहले के घोषणापत्र के वादों को पूरा नहीं किया गया. ये लोगों के साथ धोखाधड़ी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह बीते साल दिसंबर में शिकायत दर्ज हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह बीते साल दिसंबर में शिकायत दर्ज हुई
aajtak.in
  • रांची,
  • 03 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:28 PM IST

  • 15 लाख खातों में डालने का वादा पूरा क्यों नहीं हुआ?
  • हाईकोर्ट के वकील की शिकायत पर कोर्ट में कार्यवाही शुरू
  • ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में 2 मार्च को अगली सुनवाई

लोगों के खाते में 15 लाख रुपए जमा कराने का जो वादा 2013-14 में किया गया था वो पूरा क्यों नहीं हुआ? इसी सवाल के साथ झारखंड हाईकोर्ट के एक वकील की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और अन्य के खिलाफ बीते साल दिसंबर में शिकायत दर्ज कराई गई. शनिवार को रांची में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में शिकायतकर्ता ने अपना बयान दर्ज कराया. शिकायतकर्ता एच के सिंह झारखंड हाईकोर्ट में वकील हैं.

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ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ए के गुड़िया ने इस मामले में अगली सुनवाई 2 मार्च 2020 को निर्धारित की. वकील सिंह ने आईपीसी की धारा 415,420 और 123(बी) के तहत शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में कहा गया, 'साल 2013-14 में आम लोगों के खाते में 15 लाख रुपये डालने का वादा किया गया. ये वादा चुनाव घोषणापत्र में भी शामिल था.' हालांकि बाद में बीजेपी नेता इसे सिर्फ चुनावी बयान बता चुके हैं.

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शिकायतकर्ता के मुताबिक अमित शाह ने कहा कि 2019 में बीजेपी के चुनाव घोषणापत्र में नागरिकता संशोधन कानून मुख्य एजेंडा था जिसे पूरा किया गया. कोर्ट में बहस के दौरान शिकायतकर्ता की ओर से कहा गया कि क्यों CAA का वादा पूरा किया गया और पहले के घोषणापत्र के वादों को पूरा नहीं किया गया. ये लोगों के साथ धोखाधड़ी है. जन प्रतिनिधित्व कानून कहता है कि वोट लेने के लिए झूठे वादे नहीं किए जा सकते.

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शनिवार को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने शिकायतकर्ता वकील सिंह से पूछा कि ये मामला कैसे रांची में उनके अधिकार क्षेत्र में आता है?  और क्यों शिकायत इतनी देर से दर्ज की गई जबकि मामला 2013-14 से जुड़ा है. इस पर वकील का कहना था कि ये वादे रांची में चुनावी सभाओं में भी किए गए थे, इसलिए रांची में शिकायत दर्ज कराई गई.

ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने अगली सुनवाई 2 मार्च को तय की. कोर्ट ने शिकायतकर्ता को अगली सुनवाई पर इस संबंध में सभी सबूत, दस्तावेज और विस्तृत जानकारी के साथ आने के लिए कहा.

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