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राष्ट्रीय किसान महासंघ ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कर दिया है कि अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो यह आंदोलन और भी तेज होगा. लेकिन हम लोग 10 तारीख तक इसका इंतजार करेंगे.
किसान नेता शिवकुमार कक्का ने साफ किया है कि हम लोग 9 जून को भूख हड़ताल करेंगे. 10 जून तक मांगें ना पूरी होने पर राष्ट्रपति को ज्ञापन देंगे. बीजेपी की शव यात्रा भी निकालेंगे. 6 जून को देशभर में राष्ट्रीय किसान महासंघ के मंदसौर की घटना पर श्रद्धांजलि समारोह होगा. 7 जून को किसान संगठन सरकारी अस्पताल में फ्री दूध बाटेंगे. 8 जून को मंदसौर में श्रद्धांजलि समारोह में यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा और प्रवीण तोगड़िया शामिल होंगे.
शिव कुमार का आरोप है कि बीजेपी की जहां- जहां सरकारें हैं वहां पर किसानों की हालत बहुत खराब है. किसानों की आत्महत्याएं बढ़ गई हैं. किसान नेताओं का कहना है कि अक्सर किसान आंदोलन पर यह आरोप लगते रहे हैं कि इसके पीछे कांग्रेस है, कभी कहा जाता है बीजेपी है. लेकिन यह सब बातें करके आंदोलन को दबाने की कोशिश की जाती है. इसमें इन सब के मंसूबे कामयाब नहीं होंगे.
किसान नेता शिवकुमार का कहना है कि हमारा आंदोलन 3 मांगों को लेकर है. एक तो फसल की लागत पर 50 फीसदी मुनाफा, दूसरा किसानों का कर्ज माफ हो और तीसरा किसानों की सुनिश्चित आमदनी तय हो. किसान नेताओं का कहना है कि इस आंदोलन के माध्यम से हमारा मकसद आम आदमी को परेशान करना नहीं बल्कि किसानों की समस्याएं और उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाना है. लेकिन कृषि मंत्री ने जो किसान आंदोलन को मीडिया पब्लिसिटी करार दिया है उसके लिए उनको माफी मांगनी चाहिए.
इसके साथ ही किसान नेताओं ने आरोप लगाया है कि सरकार आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है. लेकिन वह अपने इरादों में सफल नहीं होगी. किसान अपनी मांगें पूरी होने तक आंदोलन करता रहेगा.