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नोटबंदी के 15 महीने बाद भी पुराने नोटों की गिनती में लगा है RBI

रिजर्व बैंक को मिले पुराने नोटों का अनुमानित मूल्य 30 जून 2017 तक 15.28 लाख करोड़ रुपये रहा है. हालांकि, सत्यापन, गणना प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसमें भविष्य में संशोधन की संभावना बनी रहेगी.

आरबीआई आरबीआई
सुरभि गुप्ता/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 11 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 6:15 PM IST

सरकार के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने के 15 महीने बाद भी भारतीय रिजर्व बैंक लौटाए गए नोटों की गिनती, गुणा-भाग और उनके असली-नकली होने की पहचान में लगा है.

केंद्रीय बैंक का कहना है कि वह तेजी से इस काम को कर रहा है. साथ ही वह लौटाए गए नोटों के ‘असली-नकली’ होने के साथ ही उनकी सही गिनती, गणतीय रूप से मिलान करने का काम कर रहा है.

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सूचना के अधिकार के तहत दाखिल अर्जी का जवाब देते हुए रिजर्व बैंक ने यह बात कही है. रिजर्व बैंक के जवाब के अनुसार, ‘इन बैंक नोटों की अंकगणितीय सटीकता और वास्तिवकता की पहचान की जा रही है और इनका मिलान भी किया जा रहा है. इसलिए इस संबंध में मिलान एवं गणना की प्रक्रिया के पूरे होने पर ही जानकारी साझा की जा सकती है.’

बंद नोटों पर रिजर्व बैंक का जवाब

नोटबंदी के दौरान बंद हुए नोटों की संख्या जानने के लिए दाखिल की गई इस अर्जी के जवाब में रिजर्व बैंक ने कहा, ‘रिजर्व बैंक को मिले पुराने नोटों का अनुमानित मूल्य 30 जून 2017 तक 15.28 लाख करोड़ रुपये रहा है. हालांकि, सत्यापन, गणना प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसमें भविष्य में संशोधन की संभावना बनी रहेगी.’

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59 मशीनों के जरिए चल रही जांच

इस काम के खत्म होने की समयसीमा के बारे में बैंक ने कहा कि वह बहुत तेज गति से इसे अंजाम दे रहा है. जांच और सत्यापन की 59 मशीनें काम में लगी हैं. हालांकि, बैंक ने इन मशीनों के स्थान के बारे में कोई विशिष्ट जानकारी नहीं दी. उल्लेखनीय है कि सरकार ने आठ नवंबर 2016 को 500 और 1 हजार रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया था. इसके स्थान पर 500 और 2,000 रुपये के नए नोट जारी किए गए थे.

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