
गणतंत्र दिवस समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पहली पंक्ति में मोदी सरकार ने जगह नहीं दी है. इस बार उनको चौथी पंक्ति में बैठने की जगह दी गई है. इससे कांग्रेस खासी नाराज है. इससे पहले चाहे कांग्रेस सत्ता में रही हो या नहीं, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष को पहली पंक्ति में जगह मिलती रही है. हालांकि इस बार ऐसा नहीं होगा और अगर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होना चाहते हैं, तो उनको चौथी पंक्ति में ही बैठना होगा.
राहुल गांधी को पहली पंक्ति में जगह नहीं मिलने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में खासा रोष है. इससे खफा कांग्रेस ने मोदी सरकार पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने कहा कि अगर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को पहली पंक्ति पर जगह मिल रही है, तो राहुल गांधी को क्यों नहीं?
पार्टी ने कहा कि राहुल गांधी सबसे बड़ी विपक्ष कांग्रेस के प्रमुख हैं और अभी तक विपक्षी दल के प्रमुख को पहली पंक्ति की ही सीट मिलती रही है. मोदी सरकार सस्ती और ओछी राजनीति कर रही है. यह BJP सरकार का तरीका है. वे लोग आसियान नेता और भारत के लोगों के सामने कांग्रेस पार्टी और इसके अध्यक्ष को नीचा दिखाना चाहते हैं. इस तरह वह यह बताना चाहते हैं कि वह (राहुल) और कांग्रेस पार्टी की कोई अहमियत नहीं रह गई है.
इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में आसियान के 10 राष्ट्राध्यक्ष बतौर मुख्य अतिथि शामिल हो रहे हैं. साल 1950 से ही गणतंत्र दिवस के चीफ गेस्ट का एक प्रतीकात्मक महत्व रहा है. वैश्विक राजनीति में भारत की भूमिका और नीति के मुताबिक यह चुनाव किया जाता रहा है.
वहीं, गणतंत्र दिवस से पहले राजपथ पर सेना की टुकड़ियों ने अपना दम दिखाया. सेना की धुन पर जवानों की कदम ताल देख कर लोग रोमांचित हो उठे. इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में एनएसजी कमांडो का दस्ता पहली बार शामिल हो रहा है. शुक्रवार को गणतंत्र दिवस पर भारत की जल, थल और वायु सेना की ताकत राजपथ पर दिखाई जाएगी. सेना की टुकड़ियों के अलावा देश के कुछ ऐसे ब्रह्मास्त्र भी परेड में दिखेंगे, जिनके बारे में सुनकर ही दुश्मन कांप जाते हैं.
इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहली बार वायुसेना के शहीद गरुड़ कमांडो जेपी निराला को शांतिकाल के सबसे बड़े वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से भी सम्मानित करेंगे. शहीद गरुड़ कमांडो जेपी निराला को मरणोपरांत अशोक चक्र से नवाजा जाएगा. हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा 26 जनवरी की पूर्वसंध्या पर की जाएगी.