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राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के मजदूर संघ ने आरोप लगाया है कि सरकार के सलाहकारों को देश की वास्तविकता का पता नहीं है, इसी के चलते आने वाली 17 नवंबर को मजदूर संघ दिल्ली में महारैली निकालकर अपना विरोध दर्शाने की तैयारी में है. दरअसल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय मजदूर संघ केंद्र सरकार की नीतियों से नाखुश है. अपनी नाराजगी जताने के लिए वह 17 नवंबर को संसद भवन पर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा निकालने वाला है.
6 और 7 अक्टूबर को नागपुर के तात्या टोपे हॉल में अखिल भारतीय मजदूर संघ की मीटिंग हुई, इस मीटिंग में भारतीय मजदूर संघ के महत्वपूर्ण पदाधिकारी उपस्थित रहे. इस मीटिंग में नीति आयोग की कामगार विरोधी नीति और केंद्र-राज्य सरकार की कामगार विरोधी नीति पर चर्चा कर मजदूर संघ ने आने वाली 17 नवंबर को संसद पर मोर्चा निकलने के संदर्भ में चर्चा की.
भारतीय मजदूर संघ ने सरकार की नीति को फेल बताते हुए कहा है कि सरकार के सलाहकार का देश की वास्तविकता से परिचय नहीं है, इसलिए जो नीति बन रही है वो देश के सवालों का समाधान नहीं ला पा रही. मजदूर संघ प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन देगा, जिसमें सरकार अपने आर्थिक नीति में परिवर्तन करें, डिफाइन पॉलिसी लाए, कॉन्ट्रैक्ट लेबर को सामन्य दाम मिलना चाहिए जैसी मांगें होंगी.