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रेयान स्कूल मालिकों ने फर्जी कंपनी के जरिए कमाए करोड़ों, सेबी की रिपोर्ट में खुलासा

रायन इंटरनेशनल ग्रुप के ट्रस्टी ग्रेस पिंटो और आगस्टीन पिंटो ने एक संदिग्ध कंपनी में मात्र 50 लाख रुपये निवेश कर अचानक 30 करोड़ रुपये का लाभ कमाया, जबकि कंपनी खुद मामूली नफे में रही.

रायन इंटरनेशनल ग्रुप के चेयरमैन ऑगस्टीन फ्रांसिस पिंटो और मैनेजिंग डाइरेक्टर ग्रेस पिंटो रायन इंटरनेशनल ग्रुप के चेयरमैन ऑगस्टीन फ्रांसिस पिंटो और मैनेजिंग डाइरेक्टर ग्रेस पिंटो
आशुतोष कुमार मौर्य
  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:11 AM IST

दूसरी क्लास में पढ़ने वाले मासूम प्रद्युम्न के साथ कुकर्म की कोशिश और हत्या के बाद गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के मालिक स्कूल प्रबंधन में गंभीर खामियों के चलते जांच के घेरे में हैं.

प्रद्युम्न की हत्या के लिए जिम्मेदार कुप्रबंधन को लेकर अभी उन पर आरोप साबित होने हैं, लेकिन सेबी की ताजा रिपोर्ट में जो खुलासा हुआ है, वह उन्हें कानून के नए शिकंजे में जरूर फंसा सकता है.

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आज तक को मिली सेबी के इन दस्तावेजों के अनुसार, रायन इंटरनेशनल ग्रुप के ट्रस्टी ग्रेस पिंटो और आगस्टीन पिंटो ने एक संदिग्ध कंपनी में मात्र 50 लाख रुपये निवेश कर अचानक 30 करोड़ रुपये का लाभ कमाया, जबकि कंपनी खुद मामूली नफे में रही.

सेबी की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रेस और आगस्टीन पिंटो ने मुंबई की एक फाइनेंस कंपनी कमलाक्षी लिमिटेड में निवेश कर रहस्यात्मक तरीके से बेहद कम समय में 32 करोड़ रुपये कमाए. गौरतलब है कि सेबी ने स्टॉक मार्केट में शेयरों की कीमतों के साथ छेड़छाड़ करने को लेकर कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया था.

कंपनी ने अपने निवेशकों की तरफ से स्टॉक मार्केट से चुनी हुई उस कंपनी के शेयर खरीदे जो स्टॉक मार्केट में लेन-देन नहीं कर रही थी और उस कंपनी के शेयर सिर्फ प्रेफर्ड व्यक्तियों को ही बेचे जा सकते थे। रेयान स्कूल मालिकों की तरफ से कमलाक्षी ने 10.20 रुपये प्रति शेयर की दर से ग्रेस और ऑगस्टीन पिंटो के लिए 2.5-2.5 लाख शेयर खरीदे.

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दस्तावेजों के अनुसार, जनवरी, 2014 से दिसंबर 2014 की छोटी सी अवधि में 4649 फीसदी बढ़कर 10.20 रुपये से बढ़कर 489 रुपये हो गए. इस तरह बढ़ी हुई कीमतों पर शेयर बेचकर ग्रेस और ऑगस्टीन पिंटो ने 50 लाख रुपये के निवेश पर 32 करोड़ रुपये कमाए.

उल्लेखनीय है कि सोमवार को प्रद्युम्न मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार ही नहीं, बल्कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय, हरियाणा सरकार और सीबीएसई पर कड़ा रुख अपनाया है.

सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय पीठ ने इस तरह की घटनाओं के मामले में स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी निर्धारित करने और स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश बनाने पर केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से भी जवाब मांगा है.

रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 8 सितंबर को दूसरी क्लास में पढ़ने वाले 7 साल के प्रद्युम्न के साथ कुकर्म की कोशिश करने के बाद उसकी गला रेतकर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. देर रात पुलिस ने इस मामले में बस कंडक्टर अशोक समेत तीन लोगों को हिरासत में लिया था. पुलिस द्वारा पूछताछ में आरोपी अशोक ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. हालांकि, पुलिस को संदेह है कि प्रद्युम्न की हत्या किसी और वजह से हुई है. उसके परिवार वाले सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं.

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