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क्या कानपुर की तरह साजिश के तहत दिया गया आंध्र प्रदेश में रेल हादसे को अंजाम?

ताजा जानकारी के मुताबिक कानपुर देहात के पुखरायां में बम रखकर रेलवे ट्रैक उड़ाने का दावा करने वाला मोती पासवान शनिवार को नैशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) के सामने अपने बयान से मुकर गया. अब उसका कहना है कि वह झूठ बोल रहा था, वह कभी कानपुर गया ही नहीं.

हीराखंड एक्सप्रेस हीराखंड एक्सप्रेस
संदीप कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 10:56 AM IST

आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले के कुनेरू स्टेशन के पास हीराखंड एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के चलते अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हैं. विजयनगरम के जिलाधिकारी ने स्वयं इन आंकड़ों की पुष्टि की है. आपको बता दें कि शनिवार रात करीब 11 बजकर 20 मिनट पर ट्रेन के 9 डिब्बे पटरी से उतर गए. पटरी से उतरे डिब्बों में 4 स्लीपर, दो एसी, दो पैसेंजर और 1 लगेज के डिब्बे थे.

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रेलवे ने जताई आशंका- ड्राइवर को सुनाई दी थी आवाज
रेलवे ने आज आशंका जाहिर की है कि कुनेरू स्टेशन के पास पटरी के साथ छेड़छाड़ की गई, जिसके कारण आंध्रप्रदेश के विजियानगरम जिले में जगदलपुर-भुवनेश्वर एक्सप्रेस के नौ डिब्बे पटरी से उतर गए. सूत्रों ने कहा, इस इलाके के नक्सलवाद से प्रभावित होने के कारण और गणतंत्र दिवस के करीब होने के कारण पटरी के साथ छेड़छाड़ किए जाने की कड़ी आशंका है. साजिश के संदेह से इनकार नहीं किया जा सकता. सूत्रों ने कहा, रेलवे सुरक्षा आयुक्त दुर्घटना की वजह का पता लगाने के लिए व्यापक जांच करेंगे. सूत्रों के अनुसार, एक मालगाड़ी इसी पटरी से सुरक्षित ढंग से निकल गई थी. गश्त करने वाले व्यक्ति ने भी पटरी की जांच की थी. हालांकि ट्रेन चालक को ट्रेन के पटरी से उतरने से ठीक पहले किसी पटाखे जैसी आवाज सुनाई दी थी। ऐसा लगता है कि पटरी पर बड़ी दरार पड़ी होगी, जिसके कारण ट्रेन पटरी से उतर गई.

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'माओवादी प्रभावित इलाका है लेकिन कारण स्पष्ट नहीं'
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता अनिल सक्सेना के मुताबिक आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में शनिवार रात 11:20 बजे यह हादसा हुआ है. आंध्र-ओडिशा के बॉर्डर पर हादसा हुआ है. सक्सेना के मुताबिक, अभी तक हादसे के कारणों का पता नहीं लगा है. जांच के बाद पता चलेगा. ये क्षेत्र माओवादी संगठन से प्रभावित है, लेकिन अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है.

कानपुर रेल हादसे पर भी था 'आतंकी साया'
अभी कुछ दिन पहले ही कानपुर रेल हादसे पर एक बड़ा खुलासा हुआ था. बिहार के मोतिहारी से, पुलिस की जांच में कानपुर हादसे के तार नेपाल और दुबई के रास्ते पाकिस्तान तक जुड़े नजर आए थे. दरअसल बिहार पुलिस ने मोतिहारी में 5 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था. ये गिरफ्तारी पूर्वी चंपारण में ट्रेन उड़ाने की साजिश को लेकर हुई थी, लेकिन पूछताछ में बात कानपुर तक पहुंच गई. मोतिहारी पुलिस की जांच से निकले सुरागों से सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं. यूपी एटीएस की टीम भी गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर चुकी है.

हालांकि ताजा जानकारी के मुताबिक कानपुर देहात के पुखरायां में बम रखकर रेलवे ट्रैक उड़ाने का दावा करने वाला मोती पासवान शनिवार को नैशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) के सामने अपने बयान से मुकर गया. अब उसका कहना है कि वह झूठ बोल रहा था, वह कभी कानपुर गया ही नहीं. यह भी पता चला है कि काठमांडू में नेपाल पुलिस की पूछताछ में ब्रजकिशोर गिरि ने रूरा हादसे के अलावा मोतिहारी में आईईडी मिलने के मामले में हाथ होने से इंकार कर दिया है.

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प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने जताया दुख
घटना को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर संवेदना व्यकत की है. इसके अलावा कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडु ने भी हादसे पर अपना दुख व्यक्त किया है.

रेल मंत्रालय एक्टिव
रेल मंत्री सुरेश प्रभु हादसे पर नजर बनाए हुए है. रेल मंत्रालय ने इस बाबत ट्विटर पर जानकारी देते हुए बताया कि कुल चार राहत वैन घटनास्थल पर भेजे गए हैं. अभी प्राथमिकता घायल यात्रियों को नजदीकी अस्पताल पहुंचाने की है. इसके साथ और बचाव का काम जारी है. रेल मंत्रालय ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं.

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