
साहित्य के सबसे बड़े महाकुंभ साहित्य आजतक 2019 के दूसरे दिन 'मोदी नीति' विषय पर चर्चा में शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 4 किताबें लिखने वाले वरिष्ठ पत्रकार और लेखक डॉक्टर हरीश चंद्र बर्णवाल ने कहा कि नरेंद्र मोदी अथाह सागर हैं और उन पर ढेरों किताबें लिखी जा सकती हैं. बर्णवाल की लिखी नई किताब 'लॉर्ड ऑफ रिकॉर्ड्स' में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किए गए कामों का जिक्र है. रिकॉर्ड को जुटाने के लिए काफी रिसर्च की गई है.
साहित्य आजतक में 'लॉर्ड ऑफ रिकॉर्ड्स' के लेखक बर्णवाल से आजतक के एग्जीक्यूटिव एडिटर सईद अंसारी ने बातचीत की. इस दौरान हरीश बर्णवाल ने बताया कि हमने किताब के नाम पर काफी चर्चा की. जब हम किताब के नाम पर चर्चा कर रहे थे तो हमने सोचा कि क्या यह नाम सही रहेगा. उन्होंने कहा, 'पहले मैंने सोचा कि इस विषय पर एक लेख लिखूंगा और मोदी के रिकॉर्ड के बारे में लोगों को बताऊंगा. लेकिन जब मैंने इस पर रिसर्च किया तो पता चला कि यह लिस्ट बहुत बड़ी है.' उन्होंने कहा कि यह नई किताब उनके पहले के 3 किताबों से अलग है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित लॉर्ड ऑफ रिकॉर्ड्स किताब के बारे में डॉक्टर हरीश चंद्र बर्णवाल ने कहा कि उनके रिसर्च में 243 रिकॉर्ड आए हैं. रिकॉर्ड के बारे में बर्णवाल ने बताया कि रिकॉर्ड में यह भी शामिल किया गया है कि जिसमें पीएम मोदी कहते हैं कि मैंने 70 साल में बहुत कुछ बदल दिया, जैसे देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचाया गया, घर-घर गैस पहुंचाए गए, पहली बार दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाई गई. पहली बार योग दिवस पर किसी प्रधानमंत्री ने बात की. यह सब रिकॉर्ड ही हैं.
2012 में किया था मोदी के प्रधानमंत्री बनने का दावा
'लॉर्ड ऑफ रिकॉर्ड्स' किताब किसके लिए ज्यादा हितकर रहेगा, इस पर हरीश चंद्र बर्णवाल कहते हैं कि सामान्य शब्दों में कहा जाए तो जो अपना सामान्य ज्ञान बढ़ाना चाहते हैं उनके लिए यह पुस्तक प्रासंगिक है. प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लेने वालों के लिए यह किताब काफी अहम साबित होगी. साथ ही जो किताब पढ़ने के शौकिन हैं उनके लिए भी यह किताब कारगर होगी.
यह वही हरीश चंद्र बर्णवाल है जिन्होंने 2012-2013 में नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री नहीं बने थे तब डॉक्टर हरीश चंद्र बर्णवाल ने एक अखबार में बड़ा लेख लिखते हुए कहा था कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे और इसके लिए उन्होंने 101 कारण भी बताने की बात कही थी. हालांकि उनकी इस लेख पर काफी विवाद हुआ था, लेकिन 2014 के चुनाव में वह सही साबित हुए और आलोचकों को चुप करा दिया. लेखक से पहले बर्णवाल पत्रकार रहे हैं और अब तक वह 7 किताबें लिख चुके हैं जिसमें अकेले 4 सिर्फ नरेंद्र मोदी पर आधारित है.
नरेंद्र मोदी पर 5वीं किताब अगले महीने
पीएम नरेंद्र मोदी पर हरीश चंद्र बर्णवाल लगातार लिख रहे हैं. नरेंद्र मोदी पर बर्णवाल ने 2012 में पहली किताब लिखी थी. 2012 में मोदी पर आधारित उनकी पहली पुस्तक आई थी 'मोदी मंत्र'. फिर 'मोदी सूत्र' जिसमें नरेंद्र मोदी के कोट्स शामिल किए गए हैं. लेखक के अनुसार, मोदी के कई कोट्स प्रेरणादाई हैं जिसको आत्मसात कर जीवन में कामयाबी हासिल की जा सकती है. मोदी पर आधारित चौथी किताब का नाम है 'मोदी नीति'.
साहित्य आजतक 2019 के दूसरे दिन में अपनी बात रखते हुए लेखक हरीश चंद्र बर्णवाल ने कहा, इस मोदी नीति किताब में मोदी सरकार के 5 साल के काम का जिक्र किया गया है और इसमें यह भी बताया गया है कि मोदी सरकार के अगले 5 साल कैसे रहेंगे.
उन्होंने कहा कि देश में अब तक हुए प्रधानमंत्रियों को लेकर जितनी भी किताबें लिखी गई हैं, उन सब को जोड़ लिया जाए तो उससे ज्यादा अकेले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही किताब लिख दी गई है.
हरीश चंद्र ने साहित्य की शुरुआत को कविती से की थी, लेकिन बाद में वह लेखक बन गए. उन्होंने अपने करियर में अब तक महज 5 कहानियां लिखी हैं और वो सभी कहीं न कहीं पुरस्कृत हुई हैं. उन्होंने साहित्य आजतक के मंच से यह भी खुलासा किया कि अगले महीने नरेंद्र मोदी पर एक और किताब आ रही है.
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साहित्य का तोहफा आपके लिएः कली पुरी
इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने 'साहित्य आजतक 2019' के पहले दिन उद्घाटन संबोधन में सभी साहित्यकारों, संगीतज्ञों, कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा कि आप सबका साहित्य आजतक का चौथा संस्करण आ गया है. लेकिन ऐसा लगता है अभी इस कार्यक्रम को शुरू हुए एक साल ही हुआ है. इस साल चुनाव हो रहे थे और पता नहीं चला कि साल कब बीत गया. अच्छी बात है कि हमारी और आपकी ये साहित्य की विशेष तारीख जल्दी आ गई.
वाइस चेयरपर्सन कली पुरी ने आगे कहा कि चुनावी साल एक चैनल के लिए बहुत जरूरी होता है. जिसे कहते हैं मेक या ब्रेक ईयर. हमारा ओलंपिक्स. आपके सहयोग और हौसले के साथ हमारी पूरी टीम गोल्ड मेडल ही गोल्ड मेडल लेकर आई है. एग्जिट पोल हो या प्रधानमंत्री का इंटरव्यू या ग्राउंड रिपोर्ट, कुछ भी कसर नहीं छोड़ी. पूरी टीम ने जान लगाकर काम किया. और आपने हमारे काम को जम कर पसंद किया.
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तीन दिन चलेगा साहित्य आजतक
साहित्य का सबसे बड़ा महाकुंभ 'साहित्य आजतक 2019' का आगाज शुक्रवार को हो गया. 3 दिवसीय आयोजन 1 नवंबर से 3 नवंबर तक राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में चलेगा.