
हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने राम मंदिर का पक्ष लेने वाले मौलाना सलमान हुसैन नदवी के सामाजिक बहिष्कार का आह्वान किया. ओवैसी ने कहा कि एक बार मुस्लिम समुदाय ने अगर बाबरी मस्जिद की जमीन से अपना अधिकार छोड़ दिया तो ये लोग अन्य मस्जिदों पर भी दावा करेंगे, पहले से जिसे वो मंदिरों को ध्वस्त करके मस्जिद निर्मित की बात कहते रहे हैं.
बता दें कि ओवैसी का इशारा काशी और मथुरा की मस्जिद को लेकर है, जिसे आरएसएस और वीएचपी कहते हैं कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है.
हैदराबाद में पार्टी मुख्यालय दारुसलाम में ओवैसी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्यों के साथ एक व्यापक सार्वजनिक बैठक में शामिल हुए. इस दौरान ओवैसी ने मुस्लिम के व्यक्तिगत कानून में हस्तक्षेप करने के लिए मोदी सरकार की आलोचना की और दोहराया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर समझौता नहीं करेगा. ये भूमि विवाद है और मामला सुप्रीम कोर्ट में है.
ओवैसी ने राम मंदिर का पक्ष लेने वाले मौलाना सलमान नदवी को निशाने पर लिया और कहा, 'तुम कौन हो, मोदी की धुन पर नाचते हो. आपने अप्रैल 2001 में केवल फतवा पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें कहा गया है कि 'शरीयत के अनुसार बाबरी मस्जिद पर कोई बातचीत संभव नहीं है., अब आप खुद पलट रहे हो.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने ट्रिपल तलाक बिल लाकर पहले शरिया में हस्तक्षेप किया, अब बाबरी मस्जिद की बात है. इसके बाद में उन सभी 1000-2000 मस्जिदों को लक्षित करेंगे, जिनका दावा है कि वे मंदिर थे. ओवैसी ने कहा, उन्होंने ताजमहल पर एक मंदिर होने का दावा करके प्रचार शुरू कर दिया है. इस साजिश को हमें समझने की जरूरत है.
ओवैसी ने मुस्लिम समुदाय को मुस्लिम के निजी कानून बोर्ड के महत्व को समझने और सर्वोच्च मुस्लिम शरीयत को नुकसान पहुंचाने वालों का बहिष्कार करने के लिए भी कहा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद मुद्दे पर समझौता करने का कोई सवाल ही नहीं है.
ओवैसी की पार्टी के विधायक ने कहा, 'हम संविधान पर विश्वास करते हैं और हमें बाबरी मस्जिद मुद्दे में माननीय सर्वोच्च न्यायालय पर पूरा विश्वास है.