
विशाखापट्टनम गैस लीक केस में सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के आदेश में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि यह पर्यावरण का मामला है, लिहाजा इसकी सुनवाई एनजीटी में हो. सुप्रीम कोर्ट में एनजीटी द्वारा दिये गये जांच कमेटी के गठन के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की गई थी.
एलजी पॉलिमर्स की रसायन फैक्टरी में 7 मई को गैस लीक की घटना हुई थी. इस हादसे में 12 लोगों की मौत हुई जबकि 45 बच्चों समेत 300 से ज्यादा लोगों को जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हादसे के बाद राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने कंपनी पर 50 करोड़ का जुर्माना लगाया था, साथ ही जांच कमेटी के गठन का आदेश दिया था. एनजीटी के इसी आदेश के खिलाफ कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई.
मंगलवार को इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. बचाव पक्ष के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट को बताया कि कंपनी ने 50 करोड़ की जुर्माना राशि जमा करा दी है. जांच के लिये कई कमेटी गठित हो गई हैं, ऐसे में एनजीटी ने जो एक और कमेटी गठित करने का आदेश दिया है, उसके खिलाफ हमारी आपत्ति है.
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मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से ये भी कहा कि प्लांट बंद हो चुका है. एनजीटी द्वारा गठित कमेटी हमें नोटिस दिये बिना तीन बार साइट पर जा चुकी है. मुकुल रोहतगी ने कोर्ट के सामने एनजीटी के स्वत: संज्ञान लेने और कमेटियों की संख्या को लेकर भी सवाल उठाये.
तमाम दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ये मामला एनजीटी के पास है, ऐसे में याचिकाकर्ता एनजीटी के सामने ही अपनी दलीलें रखें. वहां 1 जून को ये मामला लिस्टेड है. कोर्ट ने ये कहते हुये जांच कमेटी से जुड़े एनजीटी के आदेश में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया.