
एआईएडीएमके महासचिव वीके शशिकला के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने को लेकर फिलहाल सस्पेंस बना हुआ है. दरअसल, वीके शशिकला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का केस चल रहा है. जिस पर अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ सकता है.
अगर शशिकला दोषी ठहराई जाती हैं तो राज्य में फिर से राजनीतिक अस्थिरता आ जाएगी और शशिकला के मुख्यमंत्री बनने की ख्वाहिश पर पानी फिर सकता है. इसी को देखते हुए राज्यपाल ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से कानूनी पक्ष मांगा है. गौरतलब है कि यह केस उन याचिकाओं से जुड़ा हुआ है, जिनमें जयललिता की करीबी माने जाने वाली शशिकला को मामले से बरी किए जाने का विरोध किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने उन याचिकाओं के समूह पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिनमें शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों के खिलाफ 66.65 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति के मामले में उन्हें बरी किए जाने की चुनौती दी गई थी.
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक जनहित याचिका भी दायर हुई है, जिसमें शशिकला को मुख्यमंत्री पद की शपथ से रोकने की मांग की गई है. क्योंकि डीए मामले में दोषी करार होने पर अगर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा तो कानून व्यवस्था खराब हो सकती है.
विधायक दल की बैठक में शशिकला को नेता चुन लिया गया और सीएम पनीरसेल्वम ने भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर शशिकला का रास्ता साफ कर दिया है. लेकिन आगे की राह उनके लिए इतनी आसान नहीं दिख रही है.
पूर्व एआईएडीएमके नेता पीएच पंडियन ने भी शशिकला के सीएम बनाए जाने का विरोध किया है.