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PM मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात, दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर दस्तखत

चीन के चिंगदाओ में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर दस्तखत हुए. पहले समझौते में भारतीय राजदूत गौतम बंबावाले और चीनी उप विदेश मंत्री कोंग शौनयू ने हस्ताक्षर किए.

पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग
अंकुर कुमार/गीता मोहन
  • नई दिल्ली,
  • 09 जून 2018,
  • अपडेटेड 9:17 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन के चिंगदाओ पहुंचे.  वहां एससीओ शिखर सम्मेलन से इतर उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की.

इस द्विपक्षीय वार्ता में दोनों नेताओं ने करीब एक महीने पहले वुहान में हुई पहली अनौपचारिक बैठक में लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन पर चर्चा की. पिछले चार साल में यह दोनों नेताओं की 14वीं मुलाकात है.

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इस दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच बाढ़ के आंकड़े उपलब्ध कराने और चावल के निर्यात के नियम सरल बनाने को लेकर समझौतों पर दस्तखत हुए. पहले समझौते में भारतीय राजदूत गौतम बंबावाले और चीनी उप विदेश मंत्री कोंग शौनयू ने हस्ताक्षर किए. इसके बाद दूसरे समझौते में गौतम बंबावाले और चीनी के मंत्री नी यूफेंग ने दस्तखत किए.

इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि भारत को SCO का पूर्ण सदस्य बनाए जाने के बाद आयोजित पहली बैठक में वो भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने को लेकर रोमांचित हैं. यहां पीएम मोदी ने SCO के सदस्य देशों के साथ प्रतिनिधि स्तरीय वार्ता में भी हिस्सा लिया और SCO के जनरल सेक्रेटरी राशिद अलिमोव से मिले.

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04:55 PM- चीन के चिंगदाओ में पीएम मोदी ने उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिरजियोयेव से मुलाकात की. SCO समिट से इतर दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय बैठक भी की.

04:50 PM- चिंगदाओ में पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदगी में भारत और चीन ने समझौतों पर हस्ताक्षर किए.

इंडिया टुडे को एक अध‍िकारी ने बताया कि इस बार भारत का फोकस शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सारे कार्यों और बैठकों में शामिल होने पर रहेगा, क्‍योंकि अबतक भारत सिर्फ एक ऑब्जर्वर की भूमिका निभाता आया है. गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत 'सीमित' और 'शिखर वार्ता' बैठकों का भी हिस्‍सा बनेगा.

एससीओ शिखर वार्ता पर चार प्रमुख एजेंडे होते हैं, जिसमें राजनीतिक, सुरक्षा (आतंकवाद), आर्थ‍िक और सांस्‍कृतिक शामिल हैं. भारत की मौजूदगी कनेक्‍ट‍िविटी को बढ़ावा देगी.

मोदी शी जिनपिंग द्वारा दिए जाने वाले शाही डिनर का भी हिस्‍सा बनेंगे. अप्रैल में वुहान में मिलने के बाद मोदी फ‍िर से शी जिनपिंग से मिलाकात कर रहे हैं.

वहीं, पाकिस्‍तान के साथ द्विपक्षीय बैठक इसल‍िए नहीं हो रही है, क्‍योंकि वहां जुलाई में आम चुनाव होने हैं और वहां अभी केयरटेकर सरकार है. शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रपति ममनून हुसैन श‍िरकत कर रहे हैं.

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आतंकवाद पर फोकस

गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता रवीश कुमार ने बताया कि इस बार एससीओ की बैठक में आतंकवाद के मुद्दे पर ज्‍यादा फोकस रहेगा. इस प्‍लेटफॉर्म का इस्‍तेमाल कर आतंकवाद से लड़ाई मुद्दे पर भी बात होगी.

रवीश कुमार ने बताया कि हाल ही में भारत ने पाकिस्‍तान में संपन्‍न हुए शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्‍सा लिया था. यह बैठक शंघाई सहयोग संगठन के रीजनल एंटी टेररि‍स्‍ट स्‍ट्रक्‍चर (RATS) के अंतर्गत हुई थी. उन्होंने बताया कि इस बैठक में एक टेक्‍न‍िकल टीम भेजी गई थी और यह हमारा कर्तव्‍य बनता है कि हम बहुपक्षीय बैठकों का ह‍िस्‍सा बने, भले ही वे कहीं भी संपन्‍न हो रही हों.

शंघाई सहयोग संगठन की स्‍थापना 2001 में हुई थी. वर्तमान में इसके आठ सदस्‍य हैं, जिसमें भारत, चीन, पाकिस्‍तान, रूस, उज्‍बेकिस्‍तान, ताजिकिस्तान, र्किग‍िस्‍तान, कजाकिस्‍तान शामिल हैं. भारत और पाकिस्‍तान को पिछले साल ही पूर्णकालिक सदस्य बनाया गया था.

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