
तमिलनाडु के एक दसवीं के छात्र ने ऐसी डिवाइस बनाई है, जिससे छह घंटे पहले ही हार्ट अटैक का पता लगाया जा सकता है. छात्र मनोज को इस उपलब्धि के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया है. मनोज राष्ट्रपति भवन में बतौर अतिथि भी जा चुके हैं.
तमिलनाडु निवासी 16 साल के मनोज द्वारा इजाद की गई इस जादुई डिवाइस को विज्ञान की दुनिया का चमत्कार माना जा रहा है. इस डिवाइस के जरिए साइलेंट हार्ट अटैक को काफी हद तक रोका जा सकता है. ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह डिवाइस काफी कारगर साबित हो सकती है.
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक मनोज का कहना है कि आज कल साइलेंट हार्ट अटैक आम हो गया है. दबे पांव आने वाली इस मौत से इंसान अंजान रहता है. इसका कोई लक्षण भी नहीं दिखता. ऊपरी तौर पर व्यक्ति स्वस्थ दिखता है, इसलिए इससे बचने की कोई गुंजाइश नहीं बच पाती.
मनोज ने बताया कि उसके दादा की भी साइलेंट हार्ट अटैक की वजह से मृत्यु हो गई थी. उसके बाद ही मनोज ने ऐसी डिवाइस बनाने की ठानी जिससे इसका समय रहते पता लगाया जा सके.
उन्होंने ऐसी तकनीक विकसित की जिससे बिना स्किन में कट लगाए ब्लड बायोमार्कर FABP3 का पता लगाया जा सकता है, जिसके कारण अटैक की आशंका बनी रहती है. ग्रामीण इलाकों में काम करने की चाहत रखने वाले मनोज बड़े होकर कार्डियोलॉजिस्ट बनना चाहते हैं.