Advertisement

लेख नहीं बल्कि गौरी लंकेश का एक्टिविज्म हो सकता है हत्या की वजह: SIT प्रमुख

एसआईटी ने इस बात से इंकार कर दिया है कि उनके लेख उनकी मौत का कारण बने, वहीं उन्होंने सामाजिक तौर पर उनकी सक्रियता को ध्यान में रखते हुए अपनी जांच को आगे बढ़ाया है.

गौरी लंकेश गौरी लंकेश
रोहिणी स्‍वामी
  • बेंगलुरु,
  • 14 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 10:20 PM IST

बंगलुरू में वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में नया मोड़ सामने आया है. हत्याकांड की जांच कर रही SIT (स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम) ने उम्मीद जताई है कि गौरी लंकेश की हत्या के पीछे पत्रकार के तौर पर उनका लिखना नहीं, बल्कि सामाजिक तौर पर उनकी सक्रियता हो सकती है.

SIT चीफ बीके सिंह ने इस बात से इनकार किया कि गौरी लंकेश के लेख उनकी मौत का कारण बने. बीके सिंह का ये बयान इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि क्योंकि गौरी लंकेश की हत्या के बाद हर तरफ ये चर्चा हुई कि एक विशेष विचार के खिलाफ लिखना उनकी मौत का कारण बना. एसआईटी की जांच भी अब इसी दिशा में आगे बढ़ रही है.

Advertisement

बीके सिंह ने कहा कि वो जांच में किसी और बड़ी सफलता की उम्मीद कर रहे हैं जिससे इस केस से जुड़ी कुछ और जानकारी हासिल हो सके. दरअसल, शनिवार को एक महीने से ज्यादा समय तक जांच पड़ताल करने और कई घंटों की सीसीटीवी फुटेज की जांच करने के बाद एसआईटी ने तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए हैं. बीके सिंह ने स्केच जारी करते हुए कहा कि जानकारी के आधार पर हमने ये स्केच जारी किए हैं. हम लोगों से सहयोग चाहते हैं और इसीलिए संदिग्धों के इन स्केच को जारी कर रहे हैं.

स्केच जारी करते हुए बीके सिंह ने बताया था कि हमारे पास मामले का वीडियो भी है, जिसे जारी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मामले में हमने अभी तक 200 से 250 लोगों से पूछताछ की है. उन्होंने कहा कि दो संदिग्धों के स्केच में काफी समानता है. इनको दो अलग-अलग कलाकारों ने प्रत्यक्षदर्शियों की जानकारी के आधार पर बनाया है. उन्होंने कहा कि पहनावे के आधार पर यह स्पष्ट नहीं किया जा सकता है कि संदिग्ध किस धर्म के हैं. गुमराह करने के लिए भी तिलक या कुंडल पहने जा सकते हैं. पुलिस का कहना है कि मामले की जांच चल रही है और अपराधियों को जल्द जेल भेजा जाएगा.

Advertisement

बता दें कि 5 सितंबर को गौरी लंकेश की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. हमलावरों ने राज राजेश्वरी इलाके में स्थित घर में लंकेश की हत्या की थी. पुलिस को गौरी लंकेश का शव खून से सना हुआ मिला था. साथ ही घटनास्थल से कारतूस के चार खोके मिले थे. गौरी साप्ताहिक मैग्जीन 'लंकेश पत्रिके' की संपादक थीं. इसके साथ ही वो अखबारों में कॉलम भी लिखती थीं. टीवी न्यूज चैनल डिबेट्स में भी वो एक्टिविस्ट के तौर पर शामिल होती थीं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement