Advertisement

लद्दाख में भिड़े भारतीय और चीनी सैनिक, पत्थरबाजी में दोनों देशों के जवान घायल

मंगलवार सुबह पेंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर दोनों सेनाओं के बीच टकराव हुआ है. सूत्रों की मानें तो गतिरोध लगभग आधे घंटे तक चला और फिर दोनों पक्ष वापस चले गए.

पेंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर हुई झड़प पेंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर हुई झड़प
सुरभि गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 10:02 AM IST

पिछले दो महीने से भूटान के पठार में स्थित डोकलाम में चला आ रहा भारत और चीन के बीच विवाद निपटा भी नहीं है कि दोनों देशों की सेनाएं पेंगोंग झील के करीब टकरा गईं. मंगलवार सुबह पेंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर दोनों सेनाओं के बीच टकराव हुआ है. गतिरोध लगभग आधे घंटे तक चला और फिर दोनों पक्ष वापस चले गए.

Advertisement

दोनों तरफ से हुई पत्थरबाजी

घुसपैठ कि कोशिश में नाकाम होते देख चीनी सैनिकों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी. पत्थरबाजी से दोनों तरफ सैनिकों को हल्की चोटें आने की खबर है. पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिक दो इलाकों फिंगर फोर और फिंगर फाइव में सुबह 6 से 9 के बीच भारत की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन दोनों ही मौकों पर भारतीय जवानों ने उनकी कोशिश असफल कर दी. जब चीनी सैनिकों ने देखा कि उनकी कोशिश असफल हो गई है तब उन्होंने भारतीय सैनिकों पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. इसके बाद भारतीय जवानों ने भी पत्थर फेंके. घटना के कुछ देर बाद स्थिति नियंत्रण में आ गई.

चीनी सैनिक इस घटना में फिंगर फोर इलाके में घुसने में सफल हो गए थे, लेकिन भारतीय सैनिकों ने उन्हें वापस धकेल दिया. इस इलाके पर दोनों अपना-अपना दावा करते रहे हैं. 1990 के दशक में भारत ने इस इलाके पर  दावा किया था तो चीनी सेना ने यहां एक सड़क बनाकर इसे अक्साई चीन का हिस्सा बता डाला था. हालांकि बाद में भारत ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया था.

Advertisement

चीन में है झील का 60 फीसदी हिस्सा

पेंगोंग हिमालय में एक झील है. जिसकी ऊंचाई लगभग 4500 मीटर है. यह 134 किमी लंबी है और भारत के लद्दाख से तिब्बत पहुंचती है. इस झील का करीब 60 फीसदी हिस्सा चीन में है.

5 जुलाई को फहराया गया था तिब्बत का झंडा

आपको बता दें कि तिब्बत की निर्वासित सरकार के नेता लोबसांग सांगे ने पेंगोंग झील के पास 5 जुलाई को तिब्बत का झंडा फहराया था. इसका चीनी मीडिया ने काफी विरोध भी किया था. चीनी विदेश मंत्रालय का कहना था कि यह झील आधी भारत में है और आधी तिब्बत में, ऐसे में यहां 'तिब्बत की निर्वासित सरकार का झंडा' फहराया जाना सांगे का अपनी राजनीतिक पहचान स्थापित करने की कोशिश लगती है.

लद्दाख के रास्ते भारत पर दबाव बनाने की कोशिश

वहीं चीन अब डोकलाम विवाद में भारत पर दबाव बढ़ाने के लिए लद्दाख का रास्ता ले रहा है. इस इलाके में चीनी फौज पुल बनाने की कोशिश में जुटी हैं. दरअसल, डोकलाम पर पिछले दो महीनों से बौखला रहा चीन अब भारत को लद्दाख के रास्ते घेरने की कोशिश में लग गया है.

डोकलाम में चीनी फौजें सड़क बनाकर विवादित इलाके की यथास्थिति से छेड़छाड़ करने की साजिश कर रही थीं तो लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास भी चीनी फौजें ऐसी दादागीरी दिखाने पर उतर आई हैं. नो मैन्स लैंड यानी दोनों देशों के सरहद के बीच भी चीनी फौज अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement