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सर्जिकल ऑपरेशन से जुड़े फर्जी वीडियो और मैसेज वायरल, ATS की पैनी नजर

भारतीय सेना की ओर से PoK में सर्जिकल ऑपरेशन के बाद तमाम सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. सुरक्षा एजेंसियों की खास नजर सोशल मीडिया पर है. महाराष्ट्र में एटीएस सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर सोशल मीडिया पर अपनी पैनी नजर बनाई हुई है.

महाराष्ट्र एटीएस की सोशल मीडिया पर खास निगरानी महाराष्ट्र एटीएस की सोशल मीडिया पर खास निगरानी
अमित कुमार दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 30 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 6:42 PM IST

भारतीय सेना की ओर से PoK में सर्जिकल ऑपरेशन के बाद तमाम सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. सुरक्षा एजेंसियों की खास नजर सोशल मीडिया पर है. महाराष्ट्र में एटीएस सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर सोशल मीडिया पर अपनी पैनी नजर बनाई हुई है.

दरअसल सुरक्षा एजेंसियों को भनक लगी है कि सर्जिकल ऑपरेशन को गलत परपेक्ष में लेकर कट्टरपंथी तत्व सोशल मीडिया पर नरफत भरे कंटेंट और वीडियो अपलोड कर माहौल को बिगाड़ सकते हैं. खासकर युवाओं को भड़काने के लिए इस तरह के हथकंडे सोशल मीडिया पर अपनाए जा सकते हैं.

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एटीएस की मानें तो सर्जिकल ऑपरेशन के बाद से ही उसने सोशल मीडिया पर अपनी निगरानी बढ़ा दी है. खासकर व्हाट्सअप पर भेजे जा रहे मैसेज और वीडियो को देखा जा रहा है. जेहाद के नाम पर गलत वीडियो और मैसेज भेजकर अफवाहें फैलाई जा सकती है. एटीएस ने कहा कि पिछले दिनों जेहाद से जुड़े कई वीडियो डिलीट किए गए हैं जो फर्जी थे और केवल लोगों को भकड़ाने के लिए तैयार किया गया था.

नाम नहीं सार्वजनिक करने की शर्त पर एक एटीएस अधिकारी ने बताया कि सर्जिकल ऑपरेशन के बाद एक वेबसाइट के जरिए इससे जु़ड़े गलत तथ्य लोगों तक पहुंचाए जा रहे थे, और ये केवल लोगों में अफवाहें फैलाकर माहौल बिगाड़ने के लिए हो रहा था.

एटीएस के मुताबिक सर्जिकल स्ट्राइक के जुड़े कोई भी आपत्तिजनक वीडियो को तुरंत सोशल मीडिया से हटाने का काम किया जाएगा, ताकि सोशल मीडिया में गलत चीजों को वायरल कर लोगों को गुमराह नहीं किया जा सके. खबरों की मानें तो करीब 356 जिहादी वीडियो एटीएस के द्वारा डिलीट किया जा चुका है. यही नहीं, एजेंसियों की मानें तो आगे भी सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखने की जरूरत है.

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