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लोकसभा में तीन तलाक पर भाषण दे रहे थे ओवैसी, किसी ने कह दिया 'पागल’

ओवैसी जब भाषण दे रहे थे तब सदन में बैठे किसी सदस्य ने उन्हें निशाना बनाते हुए कहा 'ये पागल हो गए हैं'. ओवैसी ने ये शब्द सुने तो तुरंत स्पीकर सुमित्रा महाजन से इस पर आपत्ति जताई. ओवैसी ने कहा 'अब देखिए मैडम वो बोल रहे हैं कि मैं पागल हो गया हूं. इतना तो पागल नहीं हूं कि आपकी साजिश न समझ सकूं.

असदुद्दीन ओवैसी असदुद्दीन ओवैसी
राहुल विश्वकर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 28 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:07 AM IST

तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने को लेकर लोकसभा में आए विधेयक पर चर्चा के दौरान किसी सदस्य ने इस बिल का विरोध कर रहे ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को अपशब्द कहे. ओवैसी ने इस पर आपत्ति भी जताई लेकिन स्पीकर के समझाने पर उन्होंने इस मुद्दे को वहीं खत्म कर देना ठीक समझा.

ओवैसी जब भाषण दे रहे थे तब सदन में बैठे किसी सदस्य ने उन्हें निशाना बनाते हुए कहा 'ये पागल हो गए हैं'. ओवैसी ने ये शब्द सुने तो तुरंत स्पीकर सुमित्रा महाजन से इस पर आपत्ति जताई. ओवैसी ने कहा 'अब देखिए मैडम वो बोल रहे हैं कि मैं पागल हो गया हूं. इतना तो पागल नहीं हूं कि आपकी साजिश न समझ सकूं. मैडम दिस इज नॉट गुड'. जवाब में सुमित्रा महाजन से किसी पर ध्यान न देने और चेयर से मुखातिब रहने को कहा. इसके बाद ओवैसी ने अपने भाषण को जारी रखा.

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ओवैसी ने रविशंकर प्रसाद पर निशाना साधते हुए कहा कि आप मुस्लिम महिलाओं को समानता, अधिकार दिलाने की बात करते हैं लेकिन आपके पास एक भी मुस्लिम महिला नहीं है. आपका एक भी सांसद मुस्लिम नहीं है. आप किस दुनिया में रह रहे हैं. क्या आपको लगता है कि लोग आपकी लुभावनी बातों में आ जाएंगे. आप इस कानून के जरिए महिलाओं से अन्याय खत्म नहीं कर रहे हैं बल्कि मुस्लिम पतियों को और मौका दे रहे हैं ताकि वो महिलाओं से ज्यादा अन्याय कर सके और आप उन्हें जेल भेज सकें. यही आपका मकसद है.

ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मोदी सरकार ने कहा कि सारे तलाक खत्म किए जाएं तब जज यूए ललित ने पूछा कि फिर शादी खत्म कैसे होगी. सरकार ने कहा कि हम इसके लिए नया ढांचा तैयार करेंगे. यानी ये हमारे पर्सनल लॉ को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. ये बिल इसी की तैयारी है.

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ओवैसी ने कहा कि यहां तर्क दिए जा रहे हैं कि मुस्लिम देशों में तीन तलाक वैध नहीं है तो यहां क्यों हो लेकिन किसी भी मुस्लिम देश में दंड की व्यवस्था नहीं है. इस्लाम में शादी एक सिविल कॉन्ट्रैक्ट है लेकिन उसके लिए आप दंड की व्यवस्था कर रहे हैं. आपने दहेज एक्ट बनाया, चाइल्ड मैरिज एक्ट बनाया लेकिन उसका क्या हश्र हुआ. आज कितनी शादियां बच्चों की हो रही हैं. सोशल लॉ समस्या का समाधान नहीं कर सकते. इसके लिए समाज को बदलना होगा.

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