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सोनिया ने शीतकालीन सत्र में देरी के लिए पीएम मोदी को ठहराया जिम्मेदार

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद के शीतकालीन सत्र में देरी के लिए जिम्मेदार ठहराया. सोमवार को CWC की बैठक की शुरुआत करते हुए सोनिया ने कई मोर्चों पर मोदी सरकार को घेरा.

सोनिया गांधी सोनिया गांधी
राहुल विश्वकर्मा/कुमार विक्रांत
  • नई दिल्ली,
  • 20 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:26 PM IST

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद के शीतकालीन सत्र में देरी के लिए जिम्मेदार ठहराया. सोमवार को CWC की बैठक की शुरुआत करते हुए सोनिया ने कई मोर्चों पर मोदी सरकार को घेरा.

उद्घाटन भाषण में सोनिया ने कहा कि पीएम मोदी बिना तैयारी के जीएसटी लांच करने के लिए आधी रात को संसद आते हैं, लेकिन सत्र का सामना करने का साहस वे नहीं जुटा पा रहे. पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि संसद की परंपरा पर हमला बोला जा रहा है. संसद सवालों का फोरम है, लेकिन मौजूदा वक्त में संसदीय परंपरा और लोकतन्त्र का गला घोंटा जा रहा है. भ्रष्टाचार से लेकर डिफेंस डील तक पर सरकार को जवाब देना चाहिए. लेकिन सरकार इन सबसे बच रही है. इसके लिए ही शीतकालीन सत्र को टाला जा रहा है. संसद के शीतकालीन सत्र में बेवजह का विलंब किया जा रहा है.

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सोनिया ने कहा कि बेरोजगारी, बढ़ती मुद्रास्फीति, कम होता निर्यात और जीएसटी ऐसे मुद्दे हैं, जिनसे लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं. एक साल पहले नोटबंदी की गई, लेकिन इससे किसान, छोटे कारोबारी, गृहणियां और मजदूर प्रभावित हो रहे हैं. सरकार के फैसले का लाभ मुट्ठी भर लोगों को ही मिल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी तक झूठे वादे और गलत तथ्यों को पेश करने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं.

सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर इतिहास से भी छेड़छाड़ का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सुनियोजित तरीके से इतिहास से पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी के योगदान को मिटाया जा रहा है. स्कूल की किताबों में एजेंडे के साथ गलत तथ्य पढ़ाए जा रहे हैं. सोनिया ने वर्किंग कमेटी के सदस्यों से कहा कि गुजरात में कांग्रेस पार्टी को बेहतर रिजल्ट की उम्मीद है.

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उन्होंने कहा कि पिछले 18 महीने से जारी संगठनात्मक चुनावी प्रक्रिया के चलते कांग्रेस को हर ब्लॉक, हर गांव में बूथ लेवल तक के लाखों कार्यकर्ताओं से मिलने का अवसर मिला. इससे देशभर में पार्टी जमीनी स्तर पर पहले से और मजबूत हुई है. पिछले साल मई माह से शुरू चुनावी प्रक्रिया अब अपने अंतिम चरण में है.

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