
फिलीपीन्स के मनीला में हो रहे आसियान शिखर सम्मेलन में पहुंचे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की. इस मुलाकात में नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों की सुरक्षा और रक्षा को लेकर बातचीत की. नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की वार्ता चीन के लिए तनाव देने वाला हो सकता है.
'जब चार यार मिले'
भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक चतुर्भुज गठबंधन होने वाला है. माना जा रहा है कि यह गठबंधन मुख्य रूप से चीन को नियंत्रित करने के लिए बनाया जा रहा है. दरअसल, इस गठबंधन की पहल दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता को ध्यान में रखते हुए की गई है. सामरिक महत्व के एशिया प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका भारत के लिए बड़ी भूमिका की वकालत कर रहा है. लिहाजा, रविवार को इन चारों देशों के अधिकारियों की बैठक हुई और इस गठबंधन को अमलीजामा पहनाने को लेकर जरूरी बातचीत हुई.
चतुर्भज प्लान से घबराया चीन!
अमेरिका मानता है कि आधा वैश्विक व्यापार दक्षिण चीन सागर से ही होता है और इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इससे जुड़े विवादों के निपटारे में शामिल होना चाहिए, जबकि चीन इस रुख को बार-बार खारिज करता है. हालांकि वह मुक्त नेवीगेशन यानी जहाजों की आवाजाही की गारंटी देने को तैयार है. लेकिन चीन अपने स्तर पर आसियान देशों के साथ इन विवादों को सुलझाना चाहता है.
अलग से ट्रंप-मोदी के बीच हुई मुलाकात
रविवार को भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों की बैठक के बाद आज फिलीपीन्स की राजधानी मनीला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप की मुलाकात हुई. माना जा रहा है कि दोनों के बीच दोनों देशों की सुरक्षा के अलावा द्विपक्षीय व्यापार से संबंधित चर्चा भी हुई. बैठक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ‘हिंद प्रशांत’ शब्द का इस्तेमाल किया, जिससे इस आशंका को बल मिल जाता है कि इसका इस बात से लेना हो सकता है कि वॉशिंगटन चीन को जवाब देने के लिए दरअसल, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के साथ कथित चतुर्भुज सामरिक गठबंधन की भूमिका की तैयारी कर रहा है.
ट्रंप ने शनिवार को भारत की ‘अद्भुत’ वृद्धि की तारीफ करने के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी की भी प्रशंसा करते हुए कहा था कि वह इस विशाल देश और उसके लोगों को साथ लाने के लिये सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं.
वियतनाम के दानांग शहर में एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) के वार्षिक शिखर सम्मेलन से इतर सीईओ के एक समूह को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा था कि भारत एशिया प्रशांत के क्षेत्र में एक ऐसा देश है जो प्रगति कर रहा है.