
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके गोयल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नए चेयरमैन होंगे. अप्वाइंटमेंट कमेटी ऑफ कैबिनेट (एसीसी) ने उनके नाम को मंजूरी दे दी है. इस बारे में अपना मंजूरी पत्र एसीसी ने परिवर्तन मंत्रालय को भेज दिया है. मंत्रालय जल्द ही उनकी नियुक्ति की औपचारिक घोषणा करेगा.
बता दें कि जस्टिस गोयल का जन्म 7 जुलाई 1953 में हरियाणा के हिसार में हुआ था और उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से बीए ऑनर्स और एलएलबी की पढ़ाई पूरी की.
जस्टिस गोयल शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड हुए हैं. इससे पहले जस्टिस गोयल उड़ीसा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस भी रह चुके हैं. उन्हें 1999 में सुप्रीम कोर्ट में सीनियर वकील के तौर पर नियुक्ति दी गई थी. 2002 में उन्हें पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया. दिसंबर 2011 में जस्टिस गोयल को गुवाहाटी हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया और अक्टूबर 2013 में उनका तबादला उड़ीसा हाईकोर्ट में किया गया था.
जस्टिस एके गोयल 7 जुलाई 2014 को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया था. जस्टिस गोयल का नाम तब चर्चा में आया था जब उन्होंने और जस्टिस उदित यू ललित की बेंच ने एक फैसला सुनाते हुए कहा था कि एससी/एसटी एक्ट से जुड़े मामलों में अब खुले मन से सोचने की जरूरत है. अगर किसी मामले में गिरफ्तारी के अगले दिन ही जमानत दी जा सकती है तो उसे अग्रिम जमानत क्यों नहीं दी जा सकती?
अभी तक एनजीटी के एक्टिंग चेयरपर्सन का दायित्व जस्टिस जावद रहीम निभा रहे थे. एनजीटी के पास पर्यावरण संबंधी मामलों में स्वत: संज्ञान लेकर दंडात्मक कार्रवाई करने का अधिकार है. कुछ मामलों में एनजीटी के पास हाईकोर्ट के बराबर अधिकार मिले हैं.